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तेहरानः ईरान में देश के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई के कट्टर समर्थक एवं कट्टरपंथी न्यायपालिका प्रमुख इब्राहिम रायसी ने शनिवार को बड़े अंतर से राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में जीत हासिल की। प्रारंभिक नतीजों के मुताबिक रायसी ने एक करोड़ 78 लाख मत हासिल किए।

ईरान के गृह मंत्रालय में चुनाव मुख्यालय के प्रमुख जमाल ओर्फ ने बताया कि प्रारंभिक परिणामों में पूर्व रेवोल्यूशनरी गार्ड कमांडर मोहसिन रेजाई ने 33 लाख मत हासिल किए, जबकि एकमात्र उदारवादी उम्मीदवार अब्दुलनासिर हेम्माती को 24 लाख वोट मिले मिले। वहीं एक अन्य उम्मीदवार आमिरहुसैन गाजीजादा हाशमी को 10 लाख मत मिले।

आपको बता दें खामेनेई ने रायसी के सबसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी को अयोग्य करार दे दिया था, जिसके बाद उन्होंने बड़े अंतर से राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने में कामयाबी हासिल की। रायसी की उम्मीदवारी के कारण ईरान में मतदाता मतदान के प्रति उदासीन नजर आए। पूर्व कट्टरपंथी राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद सहित कई लोगों ने चुनाव के बहिष्कार का आह्वान किया था।

उदारवादी उम्मीदवार एवं ‘सेंट्रल बैंक’ के पूर्व प्रमुख हेम्माती और पूर्व रेवोल्यूशनरी गार्ड कमांडर मोहसिन रेजाई ने रायसी को जीत बधाई दी। हेम्माती ने शनिवार रायसी को बधाई देते हुए कहा कि मुझे आशा है कि आपका प्रशासन ईरान के इस्लामी गणराज्य को गर्व करने का कारण प्रदान करेगा, महान राष्ट्र ईरान के कल्याण के साथ जीवन और अर्थव्यवस्था में सुधार करेगा।
वहीं रेजाई ने कहा, “मेरे आदरणीय भाई डॉ. सैयद इब्राहीम रायसी का निर्णायक चयन देश की समस्याओं को हल करने के लिए एक मजबूत और लोकप्रिय सरकार की स्थापना का वादा करता है।“

जीत की आधिकारिक घोषणा के बाद रायसी पहले ईरानी राष्ट्रपति होंगे जिन पर पदभार संभालने से पहले ही अमेरिका प्रतिबंध लगा चुका है। उनपर यह प्रतिबंध 1988 में राजनीतिक कैदियों की सामूहिक हत्या के लिये तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना झेलने वाली ईरानी न्यायपालिका के मुखिया के तौर पर लगाया गया था। रायसी की जीत से ईरान सरकार पर कट्टरपंथियों की पकड़ और मजबूत होगी।

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