Subscribe for notification
ट्रेंड्स

आम के दाम सुनकर आप रह जाएंगे हैरान, जानिए फलों के राजा के किस नस्ल की कीमत है बाजार पर प्रति किलो 2.70 लाख

दिल्लीः भारत में हर सीजन में तरह-तरह के फल मिलते हैं, लेकिन आज हम बात करने जा रहे हैं फलों के राजा आम की। आम अब अपनी कीमत के मामले में भी अपनी बादशाहत कायम कर रहा है। जी हां इसके दाम को सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। भारत में आम की करीब 1200 किस्में हैं, लेकिन जबलपुर में आम का एक ऐसा नस्ल है, जिसकी प्रति किलोग्राम कीमत लाखों में। फार्म हाउस संचालक का दावा है कि जापानी वैरायटी का यह आम अपने देश में 2.70 लाख रुपए प्रति किलो तक बिक चुका है। उनका कहना है कि एक व्यापारी ने 21 हजार रुपए का भाव का ऑफर किया था।

मध्य प्रदेश में जबलपुर से चरगवां रोड पर संकल्प सिंह परिहार अपने 12 एकड़ के फार्म हाउस में दुनिया के सबसे महंगे आम को उगाने का दावा कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने अपने फार्म हाउस में 14 अलग-अलग किस्म के आम के पेड़ लगाए हैं, जिनमें जापानी प्रजाति के ‘टाइयो नो टमैगो’ के सात पेड़ भी शामिल हैं। उन्होंने इन पेड़ों की सुरक्षा के लिए चार गार्ड, 6 डॉग रखे हैं।

संकल्प के अनुसार आम की ये वैरायटी जापान में पाली हाउस में उगाया जाता है। वहां इसे एग ऑफ सन यानी सूर्य का अंडा कहा जाता है। ऐसा इसके सुर्ख लाल रंग और आकार के चलते कहा जाता है।

उनका कहना है कि उन्होंने जापान की तुलना में इसे खुले वातावरण और बंजर पड़ी जमीन में उगाया है। उनके बाग में 14 हाईब्रिड आम हैं। उसमें मल्लिका प्रजाति का आम भी है, जो अपने वजन के कारण देशभर में प्रसिद्ध है।

संकल्प का कहना है कि पांच साल पहले वह नारियल के पौधे लेने चेन्नई जा रहे थे। इसी दौरान ट्रेन में उनकी मुलाकात एक व्यक्ति से हुई थी। बागवानी में मेरी गहरी रुचि देखकर उन्होंने बताया कि उनकी नर्सरी में छह दुर्लभ किस्म के पौधे हैं। वह चेन्नई के उस नर्सरी से छह किस्मों के कुल 100 पौधे 2.50 लाख रुपए में लाए थे। इसमें 52 पौधे अभी जीवित हैं।

संकल्प ने बताया कि ‘टाइयो नो टमैगो’ में पिछले साल फल आने शुरू हुए तो सोशल मीडिया के माध्यम से इसकी किस्म का पता लगाने की कोशिश की। तब उन्हें इसकी कीमत का अंदाजा हुआ। उन्होंने ‘टाइयो नो टमैगो’ आम का नाम अपनी मां दामिनी के नाम पर रखा है।

अब आइए आपको बताते हैं कि विदेश से पौधे लाने की है प्रक्रिया क्या हैः-
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के बागवानी विभाग के मुताबिक विदेश से पौधे या बागवानी से जुड़ी सामग्री लाने की पूरी प्रक्रिया है। इसमें परीक्षण कमेटी होती है। आवेदन के बाद कमेटी ही यह तय करती है कि जो पौधा अन्य देश से यहां लाया जा रहा है, वह देश के लिए उपयुक्त है या नहीं। प्रक्रिया का पालन किए बिना अन्य दो से पौधे या बीज लाना नियमों के विरुद्ध है।

admin

Recent Posts

Mahakumbh 2025 Live : संगम पर आस्था का सैलाब, महाशिवरात्रि पर अंतिम महास्नान, सीएम योगी कर रहे हैं मॉनिटरिंग

प्रयागराजः आज महाशिवरात्रि है। इसके साथ ही आज प्रयागराज महाकुंभ का आखिरी दिन है। महाशिवरात्रि पर्व स्नान के साथ ही…

3 days ago

महाशिवरात्रिः दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने चांदनी चौक के गौरी शंकर में की पूजा अर्चना

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः महाशिवरात्रि के अवसर पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा चांदनी चौक स्थित गौरी शंकर मंदिर पहुंची…

3 days ago

शराब घोटाल केजरीवाल, सिसोदिया की महाभ्रष्ट जुगलबंदी का परिणाम, रिपोर्ट पर जवाब दें केजरीवाल, सिसोदिया और संजय सिंह

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः दिल्ली  बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने शराब घोटाले को पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व…

3 days ago

CAG रिपोर्ट की दिल्ली विधानसभा में पेश, सीएम रेखा ने सदन में रखी रिपोर्ट, AAP की शराब नीति से 2000 करोड़ रुपये का घाटा

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः दिल्ली सरकार ने विधानसभा सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को शराब नीति से संबंधित CAG…

3 days ago

अमेरिका ने चार भारतीय कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध

दिल्लीः पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल उद्योग से जुड़ी 16 कंपनियों पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगा दिया है, जिनमें चार भारतीय कंपनियां…

4 days ago

निगम कर्मियों को लेकर आतिशी मार्लेना का बयान महज एक छलावाः बीजेपी

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः बीजेपी की दिल्ली प्रदेश इकाई ने पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी और आम आदमी पार्टी (आप) पर…

5 days ago