नई दिल्ली.
आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह के घर पर मंगलवार दिन में हमला हुआ। इसकी जानकारी उन्होंने खुद ट्वीट कर दी। संजय सिंह ने कहा कि हमलावर उनके खिलाफ और रामजन्मभूमि ट्रस्ट को लेकर नारे लगा रहे थे। संजय सिंह बोले कि मेरा घर महामहिम राष्ट्रपति के घर से कुछ दूरी पर है। यह वीआईपी इलाका है यहां अन्य सांसद भी रहते हैं। ऐसी जगह पर मेरा घर है फिर भी मेरे घर पर हमला हो गया। मेरे नेम प्लेट पर कालिख पोत दी गई, यह बेहद शर्मनाक है।
संजय सिंह ने कहा, ‘मर्यादा पुरूषोत्तम प्रभु श्री राम के नाम पर इतना बड़ा घोटाला सुनकर आपके पैरों के नीचे जमीन खिसक जाएगी। श्री राम जन्म भूमि न्यास में घोटाला, मर्यादा पुरूषोत्तम प्रभु श्री राम के नाम पर ज़मीन खरीद में भारी घोटाला। 2 करोड़ की जमीन ट्रस्ट के चंपत राय ने 5 मिनट बाद 18.5 करोड़ में खरीदी। ये देश के करोड़ों लोगों की आस्था पर आघात है। मोदी जी ED-CBI से जांच कराकर घोटाले बाजों को जेल में डालो।
संजय सिंह ने आरोप लगाया कि जिन लोगों की गिरफ्तारी हुई है वो घर के अंदर घुस रहे थे मुझ पर हमले के लिए, लेकिन मेरे साथियों ने उन्हें रोक लिया फिर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। संजय सिंह ने ट्वीट किया है- ‘मेरे घर पर हमला हुआ है। कान खोलकर सुन लो भाजपाइयों। चाहे जितनी गुंडागर्दी कर लो प्रभु श्री राम के नाम पर बनने वाले मंदिर में चंदा चोरी नही करने दूंगा।इसके लिए चाहे मेरी हत्या हो जाए।’
आप नेता ने एक वीडियो संदेश में कहा- मैं अपने नॉर्थ एवेन्यू के आवास पर हूं, मेरा आवास राष्ट्रपति भवन से महज 100 मीटर की दूरी पर है मगर अभी मेरे घर पर हमला हुआ है,मैं बहुत साफतौर पर कहना चाहता हूं भारतीय जनता पार्टी से और उनके गुंडों से कि आप चाहे जितने हमले करवा वो, चाहे मेरी हत्या करवा लो, मगर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के नाम पर बनने वाले मंदिर में अगर चंदा चोरी करोगे तो एक नहीं हजार बार बोलूंगा।
गौर हो कि हाल ही में AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने राम मंदिर के लिए राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई जमीन में घोटाले का आरोप लगाया था, आप सांसद संजय सिंह का आरोप है कि ट्रस्ट ने 2 करोड़ की जमीन 18.5 करोड़ में खरीदी थी। उन्होंने दावा है कि दोनों लेन-देन 5 मिनट के भीतर किए गए थे। सिंह का दावा है कि राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के इशारे पर लेन-देन किया गया था। संजय का यह भी दावा है कि ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय रजिस्ट्री के गवाह थे। उन्होंने इस मामले की सीबीआई और ईडी से जांच की मांग की है।