दिल्लीः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच करीब डेढ़ घंटे तक चली बैठक के दौरान योगी आदित्यनाथ ने पीएम मोदी को अपने चार साल के कामकाज की रिपोर्ट सौंपी। साथ ही दोनों नेताओं ने यूपी में मंत्रिमंडल विस्तार तथा अगले साल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा की।
आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के बीच तनातनी की अटकलें जोरों पर है। सियासी हलकों में इसका कारण उत्तर प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन और मंत्रिमंडल विस्तार बताया जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस तनातनी को समाप्त करने के लिए यूपी का बंटवारा कर पूर्वांचल को अलग राज्य बनाने पर फैसला हो सकता है। इसके अलावा योगी मंत्रिमंडल का जल्द विस्तार हो सकता है। मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए जितिन प्रसाद और मोदी के करीबी विधान परिषद सदस्य एके शर्मा को मंत्री बनाया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि यूपी में पार्टी संगठन में बड़े बदलाव हो सकते हैं। साथ ही किसानों को मनाने के लिए योगी मंत्रिमंडल में जाट समुदाय से जुड़े चेहरे को भी शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा नाराज विधायकों को मंत्रिमंडल और नेताओं को आयोग एवं निगम में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है
इससे पहले योगी ने गुरुवार शाम करीब चार बजे यहां केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। वहीं, दूसरी ओर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। बताया जाता है कि योगी से मिलने से पहले नड्डा और पीएम मोदी ने यूपी को लेकर करीब दो घंटे तक बातचीत की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच संगठन, सरकार और कैबिनेट प्रस्ताव को लेकर चर्चाएं हुईं। वहीं जितिन प्रसाद ने कल देर रात यूपी भवन में योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी।
उधर, अपना दल (एस) की अध्यक्ष एवं सांसद अनुप्रिया पटेल ने गुरुवार को ही अमित शाह से मुकालात की थी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अनुप्रिया ने शाह को मोदी कैबिनेट में शामिल होने को लेकर प्रस्ताव दिया। साथ ही यूपी संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में अपने पति आशीष पटेल को शामिल करने की शर्त भी रखी। इसके अलावा अपना दल (एस) के कुछ अन्य नेताओं को यूपी के अलग-अलग आयोग और निगमों में सदस्य बनाने की भी मांक की।
वहीं बीजेपी की सहयोगी पार्टी रही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है। राजभर ने ट्वीट कर कहा, ‘भाजपा डूबती हुई नैया है। जिसको इनके रथ पर सवार होना है हो जाए पर हम सवार नहीं होंगे। जब चुनाव नजदीक आता है तब इनको पिछड़ो की याद आती है। जब मुख्यमंत्री बनाना होता है तो बाहर से लाकर बना देते है। हम जिन मुद्दों को लेकर समझौता किए थे, साढ़े चार साल बीत गया एक भी काम पूरा नहीं हुआ।“ उन्होंने राज्य राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है और कहा है कि यदि राष्ट्रपति यूपी के 24 करोड़ जनता को बचाना चाहते हैं तो ये जरूरी है।
भाजपा डूबती हुई नैया है,जिसको इनके रथ पर सवार होना है हो जाये पर हम सवार नहीं होंगे,जब चुनाव नजदीक आता है तब इनको पिछड़ो की याद आती है जब मुख्यमंत्री बनाना होता है तो बाहर से लाकर बना देते है,हम जिन मुद्दों को लेकर समझौता किये थे साठे चार साल बीत गया एक भी काम पूरा नहीं हुआ 1/1
— Om Prakash Rajbhar (@oprajbhar) June 11, 2021