कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने जितिन प्रसाद के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने को ‘प्रसाद राम पॉलिटिक्स बताया है और कहा है कि यह विचारधारा के चलते नहीं बल्कि निजी फायदे के लिए लिया गया फैसला है। कांग्रेस की अंदरूनी कलह को लेकर एक बार फिर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। इस बीच सिब्बल ने जितिन प्रसाद जैसा कदम उठाने, यानी बीजेपी में शामिल होने की बात से साफ इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसा उनके मरने के बाद ही हो सकता है। उन्होंने कहा कि पार्टी आलाकमान कहे, तो वह कांग्रेस छोड़ने के बारे में सोच सकते हैं, लेकिन बीजेपी में कभी नहीं जाएंगे।

सिब्बल ने जितिन के फैसले को तो ‘प्रसाद राम पॉलिटिक्स’ बताते हुए ने एक तीर से दो निशाना साधा है। उन्होंने पार्टी आलाकमान को एक बार फिर संदेश दिया है कि अब उनकी बात सुनने का समय है।

आपको बता दें कि सिब्बल कांग्रेस के उन 23 सीनियर लीडर्स (G-23) में शामिल हैं जिन्होंने पिछले साल सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी तथा पार्टी में बड़े बदलाव करने की जरूरत बताई थी। इसलिए सिब्बल की टिप्पणी काफी मायने रखती है। इन नेताओं में जितिन प्रसाद भी शामिल थे और अब वह बीजेपी शामिल हो गए हैं, ऐसे में यह कयास लगाने जाने लगे हैं कि क्या कांग्रेस के असंतुष्ट G-23 में से कोई और भी बीजेपी का दामन थाम सकता है।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा है कि कांग्रेस में सुधारों की सख्त जरूरत है और पार्टी लीडरशिप को अब सुनना होगा। यह समझ से परे था कि जितिन प्रसाद जैसा व्यक्ति बीजेपी  में शामिल होगा। उन्होंने कहा कि यदि मुद्दों का समाधान होने के बावजूद किसी को लगता है कि उसे कुछ नहीं मिल रहा तो वह चला जाएगा। जितिन के पास भी पार्टी छोड़ने के कारण हो सकते हैं। इसके लिए मैं उन्हें गलत नहीं ठहरा रहा बल्कि जिस वजह से वह बीजेपी में गए हैं उसके लिए दोष दे रहा हूं।

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