दिल्लीः कांग्रेस को बुधवार तगड़ा झटका लगा। कांग्रेस के कद्दावर नेता एवं राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले जितिन प्रसाद बीजेपी का दामन थाम लिया। प्रसाद दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल तथा पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी एवं सांसद अनिल बलूनी की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हो गए। इससे पहले प्रसाद ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की। बीजेपी में शामिल होने के बाद प्रसाद ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि अब केवल बीजेपी ही देशहित में काम करने वाली संस्थागत पार्टी है। बाकी दल व्यक्ति विशेष और क्षेत्रीय होरप गए हैं। राष्ट्रीय दल के नाम पर देश में अगर कोई पार्टी है तो वह सिर्फ बीजेपी है।
जितिन ने कहा, “मैं बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और सभी बीजेपी नेताओं का धन्यवाद देता हूं। ये राजनीतिक जीवन का नया अध्याय शुरू हो रहा है। मेरा कांग्रेस से तीन पीढ़ियों का नाता है। ये अहम निर्णय विचार और मंथन के बाद लिया है। सवाल यह नहीं है कि मैं किस दल को छोड़कर आ रहा हूं। सवाल यह है कि किस दल में आ रहा हूं और क्यों आ रहा हूं कुछ सालों से महूसस किया है कि आज देश में असली मायने में कोई राजनीतिक दल है तो बीजेपी है। राष्ट्रीय दल तो बीजेपी है।”
वहीं गोयल ने कहा कि आज जितिन प्रसाद हमारे बीच में है। ये उत्तर प्रदेश के नेता हैं। बीजेपी की नीति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर हमारी पार्टी में आ रहे हैं। ये कांग्रेस संगठन में कई पदों पर काम कर चुके हैं। मंत्री भी रहे हैं। उन्होंने कहा, “जितिन प्रसाद ने बहुत छोटी आयु से उत्तर प्रदेश की सेवा में अपना पूरा जीवन झोंक दिया है। अभी भी मुझे याद है कि इनकी उम्र 27 वर्ष की थी, जब अचानक इनके पिता जी का देहांत हो गया था। तब ये मुंबई में काम करते थे। दिल्ली के श्रीराम कॉलेज से ये पढ़ाई कर चुके हैं। छोटी ही उम्र में परिवार को झटका लगा। इन्होंने छोटी आयु में भी उत्तरप्रदेश में दौरा किया। अलग-अलग जिलों में जाकर अपनी प्रतिभा और काम से लोगों का दिल जीता। शाहजहांपुर से सांसद बने। इन्होंने उत्तर प्रदेश की राजनीति में जो भूमिका निभाई, उसे हम सबने देखी है।
जितिन प्रसाद का नाम उत्तर प्रदेश के बड़े नेताओं में शुमार है। 2019 लोकसभा चुनाव से पहले भी कयास लगाए जा रहे थे कि जितिन कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में शामिल हो सकते हैं, प्रसाद धौरहरा लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं। इसके अलावा प्रसाद केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं।
प्रसाद काफी समय से ब्राह्मणों के हक में आवाज उठा रहे हैं। हालांकि, प्रदेश नेतृत्व से उन्हें समर्थन नहीं मिल रहा था। यही वजह थी कि जब जितिन ने ब्रह्म चेतना संवाद कार्यक्रम की घोषणा की तो पार्टी ने इससे किनारा कर लिया। कई नेताओं ने यहां तक कहा कि वह उनका अपना निजी मसला है, इससे पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है।
जितिन प्रसाद ने 2004 में शाहजहांपुर से पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था। जीत कर मंत्री भी बने फिर 2009 में धौरहरा सीट से चुनाव जीते और यूपीए -2 में मंत्री भी बने। फिर जितिन 2014 में लोकसभा चुनाव हार गए। 2017 में तिलहर विधानसभा से चुनाव लड़े, लेकिन यह चुनाव भी नहीं जीते। 2019 में धौरहरा से फिर लोकसभा चुनाव लड़े और फिर हार गए
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