Deprecated: The PSR-0 `Requests_...` class names in the Requests library are deprecated. Switch to the PSR-4 `WpOrg\Requests\...` class names at your earliest convenience. in /home1/prakhndx/public_html/wp-includes/class-requests.php on line 24
अन्तर्निहित क्षमता को पहचानना और उसे विकसित करना ही शिक्षा का काम होता है: डॉ. सहस्त्रबुद्धे - Prakhar Prahari
Subscribe for notification
Categories: शिक्षा

अन्तर्निहित क्षमता को पहचानना और उसे विकसित करना ही शिक्षा का काम होता है: डॉ. सहस्त्रबुद्धे

संवाददाताः शोभा ओझा

दिल्ली: अन्तर्निहित क्षमता को पहचानना और उसे विकसित करना ही शिक्षा का काम होता है। यह बातें अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष डॉ. अनिल सहस्त्रबुद्धे ने कही। आरएसएस (RSS) समर्थित शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा आयोजित संगोष्ठी में बोलते हुए बताया कि उन्होंने कहा कि हम तकनीक के माध्यम से शिक्षकों को प्रशिक्षित कर रहे हैं। शिक्षक, विद्यार्थी की क्षमता एआई तकनीक से पहचान सकेंगे।

उन्होंने बताया कि इस हेतु अटल अकादमी के माध्यम से देशभर के शिक्षकों को ट्रेनिंग दिलवा रहे है। जिला स्तर के संसाधनों का मान चित्रण किया जा रहा। दिव्यांगो के लिये राज्य स्तर पर केन्द्र स्थापित किये जा रहे है। मातृभाषा में तकनीकी शिक्षा के विषय लेखकों को दो लाख रूपये और अंग्रेजी से अनुवाद करने वालों को डेढ़ लाख रूपये दिये जा रहे है। उन्होनें कहा कि तकनीक का उपयोग कर पारदर्शिता को बढ़ावा दिया जा सकता है।

‘‘वर्तमान परिस्थितियों में शिक्षण संस्थाओं की भूमिका’’ विषय आयोजित इस संगोष्ठी में गुजरात तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. नवीन भाई सेठ ने कहा कि शिक्षण संस्थान समाज की चेतना का केन्द्र होते हैं। आपदाओं की घड़ी में हमारी शिक्षण संस्थाओं ने नवाचार कर देश और समाज हित में अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए है। ऑनलाइन शिक्षा, कोरोना के प्रति जागरूकता के साथ स्वास्थ्य सेवा में शिक्षण संस्थाओं की भूमिका अग्रणी रही है।

वहीं न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने कहा कि कोरोना महामारी के साथ देश में दो तूफानी आपदाऐं भी आयीं, किंतु हमारी शिक्षण संस्थाओं ने अपने सकारात्मक कार्यों से समाज को जो सहयोग दिया वह प्रशंसनीय है। जब लोग घरों से नहीं निकल पा रहे थे, सगे-सम्बन्धी भी चाह कर मदद नहीं कर पा रहे थे। ऐसे विकट और विषम समय में शिक्षण संस्थाओं ने प्रेरणादायी कारनामों को अंजाम दिये। हमारी शिक्षण संस्थाओं ने महामारी के समय ऑनलाइन शिक्षा के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के काम को प्राथमिकता दी।

संगोष्ठी में शारदा समूह झाबुआ के ओमप्रकाश शर्मा, स्वामी विवेकानन्द विवि सागर के कुलाधिपति डॉ. अजय तिवारी, अमृता विवि केरला के डॉ. आर. भवानी राव, संस्कृत विवि मथुरा के कुलपति डॉ. राणा सिंह, त्रिपुरा विवि के कुलपति डॉ. गंगाप्रसाद, एनआईटी त्रिपुरा के डायरेक्टर डॉ. एचके शर्मा सहित देश के बीस महत्वपूर्ण शिक्षण संस्थाओं के संचालकों ने कोरोना काल में उनकी संस्थाओं द्वारा किये गये सेवाकार्यों का प्रस्तुतिकरण दिया।

Shobha Ojha

Recent Posts

गाजा पहुंचे नेतन्याहू, इजरायल-हमास जंग के बीच सैन्य ठिकानों का दौरा किया

दिल्लीः इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इजरायल और हमास के बीच जारी जंग के दौरान पहली बार गाजा का…

3 days ago

इमोशनल टेंशन से टूटा रहमान का रिश्ता, 29 साल बाद पत्नी सायरा से अलग हुए, लिखा- उम्मीद थी 30 साल पूरे कर लेंगे

मुंबईः बॉलीवुड के महान संगीतकार एवं ऑस्कर पुरस्कार विजेता एआर रहमान (57) करीब तीन दशक बाद अपनी पत्नी सायरा बानू…

3 days ago

भारत-चीन के बीस सीधी उड़ान शुरू करने पर चर्चा, मानसरोवर यात्रा फिर शुरू करने पर भी G20 में बातचीत

दिल्लीः पांच साल बाद भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों की बैठक बुलाने पर…

3 days ago

21 से 24 नवंबर तक भाग्यनगर में लोकमंथन का आयोजन, राष्ट्रपति मुर्मू 22 को करेंगी उद्घाटन

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः भाग्यनगर के नाम से प्रसिद्ध तेलंगाना के हैदराबाद में 21 नवंबर से वैश्विक सांस्कृतिक महोत्सव…

4 days ago