केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की बुधवार को यूपी में एक ऑक्सीजन प्लांट के उद्धाटन के दौरान जुबान फिसल गई और उन्होंने देश में ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मौतों पर खुशी का इजहार कर दिया। वर्चुअल तरीके से आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने कहा, ” सबसे पहले मुझे बहुत खुशी है कि कोविड से इस समय हमारे देश में अनेक लोगों को ऑक्सीजन की कमी के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी।”

उन्हें जैसे ही अपनी गलती का एहसास हुआ, तो संभलते हुए कहा कि हवा से ऑक्सीजन बनाने की तकनीक है। कोविड में अनुभव हुआ कि किसी मरीज को तीन से चार लीटर तो किसी को तीन मिनट में 20 लीटर ऑक्सीजन की जरूरत होती है। ऐसे में सभी जिलों को ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर होना होगा।

गडकरी ने बताया कि हमने अभी 350 टन जियाेलाइट रूस से आयात किया है। उन्होंने कहा कि हमें इस मामले में आत्मनिर्भर है, इसका प्रयास करना होगा। हमारे रोड कंस्ट्रक्शन कांट्रैक्टर ने नैनी में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की सोची, यह समाज के लिए हितकारी है।

उन्होंने कहा कि हमें तीसरी और चौथी वेव की तैयारी अभी से करनी होगी। इस दौरान उन्होंने ‘थिंक फाॅर द बेस्ट, प्रिपेयर फार द वर्स्ट’ का मूलमंत्र दिया। इस दौरान महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए कहा कि किस तरह उन्होंने बड़े कॉम्प्लेक्स तथा खाली जगह में वैक्सीनेशन शुरू कराया। वरिष्ठ नागरिकों को गाड़ी में ही वैक्सीन लगवाने और उन्हें पानी की बोतल और फूल देने की परंपरा शुरू की। इससे लोगों में उत्साह है।

दरिद्र नारायण की सेवा को ही जीवन का मूल उद्देश्य बताते हुए उन्होंने राजनीति, धर्मनीति और लोकनीति की नई परिभाषा गढ़ी। उन्होंने कहा कि दलितों, दरिद्र नारायण को भगवान मानकर सेवा करते रहें। पंडित दीन दयाल उपाध्याय का भी यही ध्येय था।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोविड काल में हमने सिर्फ काम किया। प्रचार के लिए फोटो खिंचवाना बंद कर दिया। महाराष्ट्र में केवल 90 करोड़ का साहित्य बांट दिया। 500 वेंटिलेटर बांटे वो भी फ्री पर हमारी कहीं फोटो नहीं आई। हमें जाति, पंत और धर्म से के ऊपर उठकर काम करना है। इस कार्यक्रम में यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, सिद्धार्थनाथ सिंह और महेंद्र नाथ सिंह भी उपस्थित रहे।

 

 

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