दिसंबर 2021 तक देश में 18 साल से अधिक उम्र के 94 करोड़ लोगों को टीका लग जाएगा। केंद्र सरकार ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है। केंद्र सरकार ने टीकाकरण नीति में बदलाव किया है और कहा है कि जुलाई तक टीके की 53.6 करोड़ खुराक उपलब्ध हैं, जबकि अगस्त से दिसंबर के बीच 133.6 करोड़ खुराक का इंतजाम किया जा रहा है। इससे सभी 94 करोड़ लोगों को टीका लगा पाना संभव हो सकेगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि टीकाकरण शुरू होने से लेकर जुलाई तक टीकों की उपलब्धता 53.6 करोड़ है। इसमें राज्यों एवं निजी अस्पतालों द्वारा सीधे तौर पर खरीदी गई 18 करोड़ डोज भी शामिल है। उन्होंने बताया कि अगस्त से दिसंबर के बीच कोविशील्ड की 50 करोड़, कोवैक्सीन की 38.6 करोड़, बायोलॉजिकल ई की 30 करोड़, जायडस कैडिला की पांच करोड़ तथा स्पूतनिक के 10 करोड़ डोज उपलब्ध होंगे। इस तरह से देश में इन पांच महीनों 133.6 करोड़ खुराक उपलब्ध होगी। यानी देश में दिसंबर तक वैक्सीन की कुल 187.2 करोड़ खुराक उपलब्ध होंगी, जो 94 करोड़ वयस्क व्यक्तियों के टीकाकरण के लिए पर्याप्त होंगी। भूषण के अनुसार यदि फाइजर, मॉडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन आदि से इस बीच टीके मिल जाते हैं और घरेलू कंपनी जिनोवा का टीका तैयार हो जाता है या भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन तैयार हो जाती है, तो इससे टीकों की अतिरिक्त उपलब्धता होगी।
भूषण ने बताया कि मई की शुरुआत में टीकाकरण में सुस्ती आ रही थी, लेकिन अब इसने रफ्तार पकड़ ली है। 31 मई को 28 लाख टीके लगे थे, तो 4 जून को 36.5 लाख टीके लगे। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में इसमें तेजी आएगी, क्योंकि जून में 12 करोड़ डोज उपलब्ध हैं, जबकि मई में यह आठ करोड़ के करीब थीं।
उन्होंने बताया कि नई टीका नीति लागू होने के बावजूद जिन राज्यों ने टीकों के आर्डर घरेलू कंपनियों को दिए हैं, उनकी आपूर्ति कंपनियों द्वारा तय कार्यक्रम के अनुसार की जाएगी। हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी में ऐसा कोई मामला नहीं है, जिसमें किसी राज्य ने विदेशी कंपनी से अब तक खरीद की हो। उन्होंने कहा कि राज्यों को टीके के आवंटन का फार्मूला पहले की तरह ही रहेगा। यानी टीकाकरण योग्य आबादी को आधार पर ही वैक्सीन का आवंटन होगा।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि रूसी टीके स्पूतनिक-वी का निर्माण देश में सात कंपनियां करने जा रही हैं। इनमें से दो कंपनियों ने कार्य शुरू कर दिया है। इसलिए स्पूतनिक की विदेशों से खरीद की जरूरत नहीं है।
भूषण के अनुसार राज्यों को कुछ हद तक टीकाकरण के लिए अपनी प्राथमिकताएं तय करने का अधिकार होगा। वह अपने प्राथमिकता समूह तय कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि पंजाब, केरल, महाराष्ट्र समेत 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने मई में केंद्र सरकार को पत्र लिखकर टीके की केंद्रीय स्तर पर खरीद की मांग की थी। इसमें सिक्किम, मिजोरम, मेघालय, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा तथा त्रिपुरा शामिल हैं।
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