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ट्विटर ने शनिवार सुबह उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के निजी अकाउंट से ट्विटर ने ब्लू टिक हटा दिया था। हालांकि, कुछ घंटे बाद ट्विटर ने वेंकैया के अकाउंट को फिर से सत्यापित कर दिया और ब्लू टिक लगा दिया। इतना ही नहीं, ट्विटर ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के अकाउंट से भी ब्लू टिक हटा दिया है। इस बीच केंद्र सरकार ने नए आईटी नियमों के अनुपालन के लिए ट्विटर को फाइनल नोटिस भेज दिया है। सरकार ने इस नोटिस में ट्विटर को दो टूक कहा कि वह 26 मई से सोशल मीडिया के लिए लागू की गई शर्तों का तुरंत पालन करे और यदि ऐसा नहीं किया तो सरकार भी ट्विटर पर क़ानूनी कार्रवाई कर सकती है।

केंद्र सरकार ने ट्विटर के खिलाफ सख्ती दिखाते हुए आईटी नियमों के पालन को लेकर अंतिम चेतावनी दी है। सरकार ने बताया है कि ट्विटर इंडिया को नए नियमों का तुरंत पालन करने के लिए एक अंतिम नोटिस दिया गया है। नोटिस के मुताबिक यदि ट्विटर इसका पालन करने में विफल होता है तो फिर उसके खिलाफ आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 79 के तहत उपलब्ध देयता से छूट वापस ले ली जाएगी और ट्विटर आईटी अधिनियम और भारत के अन्य दंड कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

आपको बता दें कि गूगल और फेसबुक तथा व्हाट्सएप जैसी दिग्गज कंपनियों ने नए आईटी दिशानिर्देशों के अनुरूप वैधानिक अधिकारियों को नियुक्त करने पर सहमत जताई है लेकिन ट्विटर (twitter) ने नियमों का पालन करने से इनकार कर दिया था।

इतना ही नहीं ट्विटर ने कोरोना महामारी की रोकथाम के उपायों को लेकर सरकार को निशाना बनाने के लिए कांग्रेस के कथित टूलिकट को लेकर बीजेपी नेताओं के कई ट्वीट को ‘तोड़-मरोड़ कर पेश तथ्य’ बताया था। इसके बाद से ही सरकारी और ट्विटर के बीच तनातनी तेज हो गई है। केंद्र सरकार ने ट्विटर पर ‘टूलिकट’ मामले जांच में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था।

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