नई दिल्ली.
बीते दिनों देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई ने रिपोर्ट जारी की जिसमें बताया गया है कि तीसरी लहर दूसरी लहर जितनी ही घातक हो सकती है और 98 दिनों तक चल सकती है। इसके अलावा साइंटिफिक एडवाइजर, स्वास्थ्य मंत्रालय, एक्सपर्ट पैनल ने भी कोरोना की तीसर लहर को लेकर को लेकर चिंता व्यक्त की है। अनुमान है कि तीसरी लहर का पीक दूसरी लहर के मुकाबले 1.8 गुना ज्यादा होगा।
प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ केवी विजय राघवन ने मई में कहा था कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर को नहीं रोका जा सकता क्योंकि वायरस तेजी से बदल रहा है। उन्होंने ये भी बताया था कि तीसरी लहर कब आएगी, इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन हमें इसके लिए तैयार रहना चाहिए। एक्सपर्ट पैनल के सदस्यों का भी मानना है कि दूसरी लहर जुलाई तक खत्म हो सकती है और तीसरी लहर इसके 6 महीने बाद दस्तक दे सकती है। ये अनुमान ‘सूत्र मॉडल’ के तहत लगाया गया है. इस मॉडल पर काम करने वाले तीन लोग सरकार के एक्सपर्ट पैनल के सदस्य रह चुके हैं। इन्होंने कोरोना वायरस केस के डेटा पर गणितीय विधि के आधार पर अनुमान लगाया है।
कोरोना की इस तीसरी लहर के बच्चों के लिए ज्यादा घातक होने की खबरों के बीच एक अच्छी खबर यह है कि बच्चों के लिए भी देश में जल्द वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को संकेत दिए हैं कि बच्चों के लिए कोरोना टीका इसी महीने आ सकता है। सरकार के मुताबिक, जायडस कैडिला के टीके को जल्द मंजूरी दी जा सकती है, जिसके परीक्षण 12-18 साल की आयु के बच्चों पर भी हुए हैं।
नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि अभी कोवैक्सीन के बच्चों पर परीक्षण शुरू हुए हैं, लेकिन उसके पूरे होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा, क्योंकि परीक्षण प्रतिरोधक क्षमता के होते हैं, जबकि जायडस कैडिला के टीके के परीक्षण बच्चों पर हो चुके हैं। उम्मीद है कि अगले दो सप्ताह में वह लाइसेंस के लिए आ सकती है। टीके को मंजूरी देते समय इसे बच्चों को देने पर भी निर्णय लिया जा सकता है।
जायडस कैडिला की वैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण पूरे चुके हैं। इसके परीक्षण में 800-100 बच्चे भी शामिल हैं, जिनकी उम्र 12-18 साल के बीच है। इसलिए इस टीके को 12-18 साल के आयु वर्ग के बच्चों के लिए भी मंजूरी मिलने के प्रबल आसार हैं और पॉल ने भी ऐसे संकेत दिए हैं।