नई दिल्ली.
यौन संबंधों से फैलने वाली संक्रामक बीमारी सिफिलिस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ये भी खुलासा हुआ है कि एचआईवी से ज़्यादा तेज़ी से ये बीमारी फैल रही है। पूरे यूरोप में ये बीमारी तेज़ी से फैली है और अब तक 2 लाख 60 हज़ार से ज़्यादा प्रमाणित केस सामने आ चुके हैं। जानें कि क्या है ये बीमारी और कैसे व क्यों इतनी तेज़ी से फैल रही है-
महिलाओं की तुलना में पुरुष इस बीमारी के ज़्यादा शिकार हैं। आंकड़ों के हिसाब से 2017 में प्रति लाख पुरुषों में से 12.1 सिफिलिस के मरीज़ हैं, वहीं प्रति लाख में से 6.1 महिलाएं। हालांकि इन आंकड़ों में एक राहत की बात है कि 2005 से बच्चों में पैदाइशी तौर पर इस रोग के पाए जाने की संख्या में कमी आई है।
सिफिलिस एसटीआई यानी यौन संचरित संक्रमण है, जो ट्रेपानिमा पैलिडम नाम के बैक्टीरिया के कारण फैलता है और इसके लक्षण अलग अलग स्टेजों पर अलग अलग होते हैं। संक्रमित रोगी अगर शुरूआती स्टेज पर है तो बगैर दर्द वाला अल्सर प्रमुख लक्षण है, जो ज़्यादातर गुप्तांगों या होंठों जैसे दूसरे अंगों पर भी हो सकता है। कुछ मामलों में ऐसे अल्सरों में दर्द की शिकायतें भी देखी जा चुकी हैं।
आगे की स्टेज में, पूरे शरीर पर खराशों या लकीरों के निशान दिखते हैं। हथेलियों और तलवों पर ज़ख्म हो जाना आम लक्षण होते हैं। कुछ मरीज़ों में हाथ और पैर में ऐसे ज़ख्म नहीं देखे गए बल्कि खोपड़ी, धड़ और लिम्ब्स पर रैशेज़ पाए गए। अंतिम या खतरनाक स्टेज पर मरीज़ के अंगों पर रोग का हमला होता है। विशेषज्ञों का ये भी कहना है कि यह संक्रमण इसलिए खतरनाक है, क्योंकि इसके लक्षण कई मामलों में दिखते नहीं हैं, लेकिन असुरक्षित यौन संबंधों से यह बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है।
असुरक्षित यौन संबंधों के कारण फैलने वाले इस संक्रमण पर ईसीडीसी की रिपोर्ट में बड़ा कारण समलैंगिक संबंधों को माना गया है। सोशल मीडिया पर डेटिंग वेबसाइटों के कारण लोग कैज़ुअल सेक्स या कई पार्टनरों के साथ यौन संबंध बनाने की तरफ बढ़े हैं। ये एक बड़ा कारण है, जिससे इस रोग के मरीज़ों की संख्या बढ़ रही है।
इनके अलावा और भी कारण हैं जैसे एड्स से बचाव के लिए कुछ दवाएं चलन में आ चुकी हैं। इन दवाओं का सेवन करने के बाद सेक्स करने पर एड्स नहीं होता। ऐसे दावों के चलते लोग इन दवाओं का सेवन करने के बाद असुरक्षित तरीके से यानी बगैर कंडोम इस्तेमाल किए यौन संबंध बनाने की तरफ बढ़ रहे हैं, जिसके कारण सिफिलिस जैसे संक्रमण की आशंकाएं बढ़ रही हैं।