मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री एवं व्यापम घोटाले के आरोपी लक्ष्मीकांत शर्मा का सोमवार को निधन हो गया है। वह 11 मई को कोरोना संक्रमित पाए गए थे और 12 मई को उन्हें भोपाल के चिरायु अस्पताल में भर्ती किया गया था। उपचार के दौरान अस्पताल में उन्हें दो बार हृदयघात हुआ था। शर्मा को सोमवार दोपहर तबीयत ज्यादा खराब होने के बाद एयर एंबुलेंस से चेन्नई ले जाने की तैयारी हो रही थी। शर्मा का नाम व्यापम घोटाले में सामने आया था।

60 वर्षीय शर्मा 1993 में पहली बार विधायक चुने गए थे। इसके बाद 1998, 2003 और 2008 में सिरोंज विधानसभा क्षेत्र से लगातार विधायक बनते चुने गए। 2018 के चुनाव में भाजपा ने उन्हें टिकट न देकर उनके छोटे भाई उमाकांत शर्मा को टिकट दिया था। जो अभी सिरोंज से विधायक हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पहले कार्यकाल में लक्ष्मीकांत शर्मा खनिज मंत्री थेl वहीं दूसरे कार्यकाल 2008 से 2013 में लक्ष्मीकांत शर्मा उच्च शिक्षा जनसंपर्क एवं संस्कृति जैसे महत्वपूर्ण विभाग के मंत्री रहे हैंl 2013 में लक्ष्मीकांत शर्मा कांग्रेस के उम्मीदवार गोर्वधन उपाध्याय से चुनाव हारने के बाद राजनीतिक परिदृश्य से गायब हो गए थे।

शर्मा व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) घोटाले में आरोपी थे। यह केस अभी कोर्ट में चल रहा है। व्यापम की ओर से आयोजित संविदा शिक्षक, सहकारिता, पीएमटी सहित कई परीक्षाओं में धांधली के मामले में लक्ष्मीकांत शर्मा को एसटीएफ और सीबीआई ने आरोपी बनाया था। हनी ट्रैप मामले में भी लक्ष्मीकांत शर्मा का एक कथित ऑडियो 2019 में सामने आया था। इसके बाद आरएसएस और बीजेपी ने लक्ष्मीकांत शर्मा से किनारा कर लिया था।

राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शर्मा के निधन पर शोक जताया है।

 

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