मुंबई.
अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा अपने प्रशंसकों से ही इन दिनों नाराज हैं। उन्हें लगता है कि फ्लॉप फिल्मों के कारण ऐसा हो सकता है। उन्होंने कहा कि मेरी शुरुआती फिल्में काफी अच्छी थीं। उन फिल्मों के लिए मैंने कई पुरस्कार अपने नाम किए। चारों ओर मेरी सराहना हुई। हर कोई मेरी एक्टिंग की तारीफ कर रहा था। हैरानी की बात है कि अचानक जब मेरी फिल्में असफल होने लगीं तो लोग मेरी अदाकारी पर सवाल खड़े करने लगे। मैं यह सुनकर सचमुच पक गई थी कि मैंने अपनी तरफ से बेहतरीन शॉट नहीं दिया, जबकि ऐसा कुछ नहीं था।”
लेकिन मेरा मानना है कि अगर एक एक्टर के अंदर प्रतिभा है और वह अपनी उस प्रतिभा का प्रदर्शन सबके सामने कर रहा है तो वो ही उसके लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है। कई ऐसे कलाकार हैं, जो प्रतिभाशाली हैं, लेकिन उन्हें अपना हुनर दिखाने का मौका नहीं मिलता। इससे दुर्भाग्यपूर्ण क्या हो सकता है कि टैलेंट होते हुए भी आप उसे दिखा न पाएं। शुक्र है कि मेरे साथ ऐसा नहीं है।
परिणीति चोपड़ा अब तक कई छोटी-बड़ी फिल्मों में काम कर चुकी हैं। हालांकि, उनकी कुछ फिल्में बॉक्स ऑफिस पर हिट रहीं और कुछ औंधे मुंह गिरी। शुरुआत में परिणीति को देख लगा कि वह भी अपनी चचेरी बहन प्रियंका चोपड़ा की तरह सुपरस्टार बनने की फिराक में हैं, लेकिन धीरे-धीरे परिणीति के करियर की गाड़ी पटरी से उतरने लगी और उनका क्रेज दर्शकों के बीच कम हो गया।
परिणीति ने कहा, “किसी ने यह नहीं कहा कि फिल्म खराब है या फिल्म मेरे मतलब की नहीं है। सब मुझे कोसने लगे। यही वजह है कि मैंने ‘संदीप और पिंकी फरार’ , ‘द गर्ल ऑन द ट्रेन’ और ‘साइना’ जैसी फिल्मों में काम करने के लिए हामी भरी। मैं नहीं चाहती थी कि कोई मेरी प्रतिभा पर उंगली उठाए। मैंने तय कर लिया कि मैं ऐसी ही फिल्मों में काम करूंगी, जिनमें मेरा टैलेंट उभरकर आए।”
2014 में परिणीति की ‘हंसी तो फंसी’, ‘दावत-ए-इश्क’, ‘किल दिल’ जैसी तीन फिल्में रिलीज हुईं, जिन्हें नाम के हिसाब से सफलता नहीं मिली। इसके बाद से परिणीति के करियर में उतार-चढ़ाव जारी है।
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