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अब सांस के जरिए महज 60 सेकंड में होगा कोरोना टेस्ट

नई दिल्ली.
देश में चल रही कोरोना वायरस महामारी के बीच सबसे बड़ी समस्या इसका पता लगाने में लगने वाले अधिक समय को लेकर है। इसी बीच नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (NUS) की ब्रेथोनिक्स कंपनी ने सांसों के जरिए महज 60 सेकंड में कोरोना संक्रमण का पता लगाने वाला उपकरण तैयार किया है।

सबसे बड़ी बात यह है कि सिंगापुर के स्वास्थ्य विज्ञान प्राधिकरण (HSA) ने इसे एंटीजन रैपिड टेस्टिंग के साथ आंशिक उपयोग की मंजूरी भी दे दी है। ब्रेथोनिक्स द्वारा तैयार उपकरण को ‘ब्रेफेंस गो कोविड-19 ब्रेथ टेस्ट सिस्टम’ नाम दिया है। यह पुलिस द्वारा शराब की जांच के लिए काम लिए जाने वाले ब्रीथएनालाइजर की तरह काम करता है। परीक्षण में सांस में मौजूद वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों (VOCs) का पता लगाया जाता है। कंपनी का मानना है कि VOC में बदलाव कोरोना संक्रमण का संकेत दे सकता है। इस परीक्षण में एल्गोरिदम का उपयोग किया जाता है,
जिसमें एक मिनट से भी कम समय लगता है।

इस उपकरण का सबसे बड़ा फायदा बहुत जल्दी परिणाम और इसके संचालन के लिए प्रशिक्षित कर्मचारियों की जरूरत नहीं होना है। विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रेथोनिक्स की तकनीक सैंपल की गड़बड़ी और प्रक्रियात्मक गलतियों की संभावना को पूरी तरह से खत्म कर देती है। ये गलतियां स्वाब-आधारित एंटीजन टेस्ट में बहुत अधिक होती है। सिंगापुर में 180 मरीजों पर किए गए अध्ययन में यह उपकरण 93 प्रतिशत संवेदनशील और परिणाम देने में 95 प्रतिशत कारगर पाया गया है।

चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार किसी उपकरण की उच्च विशिष्टता का मतलब है कि इसके द्वारा किया एक टेस्ट में अन्य संक्रमणों के कारण झूठी पॉजिटिव रिपोर्ट आने की संभावना कम रहती है और वह सटीक रूप से कोरोना संक्रमण का पता लगा सकता है। इसी तरह एक उच्च-संवेदनशीलता टेस्ट हल्के संक्रमणों का बेहतर पता लगाएगा, जिसमें झूठी निगेटिव रिपोर्ट आने की संभावना भी कम होगी।

लोगों में संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए इस उपकरण में डिस्पोजेबल वन-वे वाल्व माउथपीस का उपयोग किया जाता है। सिंगापुर पश्चिम में तुआस जांच केंद्र पर नई टेस्ट विधि का उपयोग किया जाएगा। यहां जिन लोगों में इस विधि से संक्रमण की पुष्टि होगी, उनका रैपिड एंटीजन टेस्ट भी किया जाएगा।
ब्रेथोनिक्स ने कहा कि वह मजबूत व्यावसायिक हितों के बीच प्रणाली का उपयोग करने के लिए कई स्थानीय और विदेशी संगठनों के साथ बातचीत कर रहा है। प्रायोगिक परीक्षण के अलावा, ब्रेथोनिक्स ने जून 2020 और अप्रैल 2021 के बीच सिंगापुर और दुबई में नैदानिक परीक्षण किए। अगर विश्वसनीय साबित होता है तो यह विधि वैश्विक स्वास्थ्य सुविधाओं पर बोझ काफी कम कर सकती है।

Delhi Desk

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