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नई दिल्ली.
भारत में कोरोना वायरस की तीसरी लहर के कहर से लोग आशंकित हैं। इस लहर में सबसे ज्यादा बच्चे शिकार हो सकते हैं। अमेरिका के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर फहीम युनूस ने कहा है कि इससे पार पाने का एक ही तरीका है और वह है जीनोम सिक्वेंसिंग। वैक्सीन लगवाने के बाद भी प्रत्येक कोरोना संक्रमण के सिक्वेंस की जांच करनी होगी। वर्ना कोरोना वायरस लगातार तेजी से फैलता रहेगा और लहरों के आने का खतरा बना रहेगा। इसके अलावा वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया को तेज करनी होगी। अफवाहों से दूर रहें और वैक्सीन लगवाएं।
फहीम युनूस ने कहा, ‘हमें कोरोना वायरस के वैरिएंट का पता लगाने के लिए लगातार 3 से 5 प्रतिशत मामलों की जीनोम सिक्वेंसिंग करनी होगी। हमें प्रत्येक रीइन्फेक्शन के सिक्वेंस का पता करना होगा। प्रत्येक पयर्टक के कोरोना वायरस संक्रमण की हमें लगातार जांच करते रहनी होगी। उन्होंने कहा कि अगर यह किया जाता है तो भविष्य में आने वाले खतरे की भविष्यवाणी की जा सकेगी और उसी के मुताबिक योजनाएं बनाई जा सकेंगी। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो कोरोना वायरस लगातार तेजी से फैलता रहेगा और भविष्य में और ज्यादा कोरोना वायरस लहरों के आने का खतरा बना रहेगा।
डॉक्टर फहीम ने अमेरिका के डेट्रायट शहर से मिले आंकड़े के आधार पर कहा कि कोरोना वायरस से जंग में मास्क अभी बहुत प्रभावी है। योनूस ने बताया कि डेट्रायट के एक अस्पताल में जब मास्क लगाया गया तो नाक के रास्ते कोरोना वायरस का संक्रमण काफी कम हो गया। इसलिए वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया को तेज करनी होगी।
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