चौंकानेवाला खुलासा…दुनिया में कोरोना फैलने के पहले वुहान लैब के शोधकर्ता हुए थे बीमार

0
389

वाशिंगटन
जिस कोरोना वायरस से पूरी दुनिया परेशान है, उसे लेकर चीन को शुरू से ही कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन अभी तक चीन के खिलाफ मजबूत साक्ष्य पेश नहीं किए जा सके हैं। तत्कालीन स्थितियों से लेकर मौजूदा संकेत हालांकि चीन की तरफ ही अंगुली उठा रहे हैं। अब एक और चौंकानेवाला खुलासा हुआ है। वुहान की जिस लैब में कोरोना वायरस की शुरुआत बताई जाती है, वहां के तीन कर्मचारी को तब अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जब दुनिया को कोरोना के बारे में पता नहीं था।

अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में कोरोना वायरस फैलने से पहले चीन में वुहान की लैब के शोधकर्ता संक्रमित हुए थे। इस रिपोर्ट के मुताबिक, वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलोजी के तीन शोधकर्ता नवंबर, 2019 में बीमार हुए थे और उन्होंने अस्पताल में इलाज के लिए मदद भी मांगी थी। इन शोधकर्ताओं में कोरोना संक्रमण के लक्षण थे। बता दें कि नवंबर 2019 के बाद ही दिसंबर-जनवरी के बीच दुनिया को कोरोना वायरस महामारी के बारे में पता लगा था।

अमेरिकी अखबार ने यह खुलासा ऐसे वक्त किया है, जब दुनियाभर में जारी कोरोना के कहर के बीच जिनेवा में वर्ल्ड हेल्थ असेंबली की अहम बैठक शुरू हो रही है। ये बैठक 1 जून तक चलेगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन की सबसे बड़ी निर्णायक संस्था की यह बैठक कोविड संकट खत्म करने के उपायों और भविष्य में ऐसी किसी महामारी के रोकथाम उपायों पर चर्चा करेगी। इस बैठक में दुनिया के विभिन्न देशों के प्रतिनिधिमंडल, यूएन पर्यवेक्षक, सहयोगी सदस्यों, गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। लिहाजा, इस खुलासे पर कोहराम मच सकता है और चीन के लिए यह मुश्किल घड़ी होगी।

गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक टीम कोरोना वायरस के तथ्यों की जांच के लिए वुहान भी गई थी, लेकिन चीन ने कुछ क्षेत्रों में जांच नहीं करने दी या फिर सभी सबूत मिटा दिए। इस जांच में डब्ल्यूएचओ के हाथ कोई ठोस सबूत नहीं लग पाया, जिसके चलते यह पुष्टि नहीं हो पाई कि कोरोना वायरस वुहान की लैब से फैला है। चीन सरकार के दावे के बावजूद दुनिया के अनेक देशों की सरकारें यह मानने के लिए तैयार नहीं है कि चीन ने इस वायरस के बढ़ते प्रकोप के बारे में शुरू से ही कुछ नहीं छिपाया।

याद रहे, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने यह आशंका जाहिर की थी कि कोरोना वायरस चीन की वुहान लैब से निकला। ट्रंप प्रशासन ने अपने आखिरी दिनों में एक फैक्ट शीट जारी की थी, जिसके मुताबिक, ‘अमेरिकी सरकार के पास यह विश्वास करने के कई कारण हैं कि वुहान लैब के शोधकर्ता साल 2019 में महामारी का पता लगने से पहले बीमार पड़े थे। इन शोधकर्ताओं में भी कोरोना जैसे ही लक्षण थे।’ इस संदेह को तब और बल मिला, जब चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम को कोरोना मामलों का रॉ डेटा देने से भी इनकार कर दिया था। इसका खुलासा जांच टीम के एक सदस्य ने ही किया था। नया खुलासा दुनिया को नए तरीके से सोचने पर बाध्य कर सकता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here