राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के दैनिक मामलों में काफी गिरावट देखने को मिली है। यहां पिछले 24 घंटे में 3,846 नए मामले सामने आए हैं। वहीं 9,427 लोग इससे ठीक हुए है। यहां पर पॉजिटिविटी रेट घटकर 5.78 फीसदी रह गया है। इस दौरान यहां 235 लोगों की कोविड-19 मौतें हुई हैं।
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य बुलेटिन में बुधवार को यह जानकारी दी गई। इसके पहले 5 अप्रैल को दिल्ली में कोरोना के नए मामले 4,000 से कम आए थे। तब पॉजिटिविटी रेट 5.54 फीसदी थी। केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में इस जानलेवा विषाणु से अब तक 14,06,719 लोग प्रभावित हो चुके हैं। वहीं 13,39,326 इस महामारी को मात दे चुके हैं। इस समय यहां कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 45,047 है।
उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अप्रैल के दूसरे सप्ताह से लेकर अभी तक कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए देश के 12 नए एम्स (AIIMS) यानी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों में 1300 से अधिक ऑक्सिजन बेड और 530 आईसीयू (ICU) यानी गहन चिकित्सा कक्ष की व्यवस्था की गई है। इस तरह से इन संस्थानों में अब करीब 1900 ऑक्सिजन बेड और 900 आईसीयू बेड हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक एम्स भुवनेश्वर, एम्स भोपाल, एम्स जोधपुर, एम्स पटना, एम्स रायपुर, एम्स ऋषिकेश, एम्स मंगलगिरी, एम्स नागपुर, एम्स रायबरेली, एम्स बठिंडा, एम्स बीबीनगर और एम्स गोरखपुर में अभी कुल 1925 बिना आईसीयू वाले ऑक्सिजन बेड और 908 आईसीयू बेड हैं। वहीं पीएमएसएसवाई (PMSSY) यानी प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत अभी तक 22 नए एम्स को मंजूरी दी गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इनमें से छह भोपाल, भुवनेश्वर, जोधपुर, पटना, रायपुर और ऋषिकेश में पहले से ही पूरी तरह शुरू हो चुके हैं। अन्य सात एम्स में ओपीडी सेवा और एमबीबीएस की कक्षाएं शुरू की गई हैं। पांच अन्य एम्स में केवल एमबीबीएस की कक्षाएं हो रही हैं।
मंत्रालय ने बताया कि इन क्षेत्रीय एम्स, जिनकी स्थापना पीएमएसएसवाई के तहत की गई है या की जा रही है, इन्होंने पिछले साल वैश्विक महामारी की शुरुआत से ही कोविड-19 के प्रबंधन में अहम भूमिका निभाई है। यह योगदान और महत्वपूर्ण हो जाता, जब इस तथ्य पर गौर किया जाए कि इन्होंने उन इलाके में काफी मदद की जहां स्वास्थ्य तंत्र का ढांचा कमजोर है।
मंत्रालय ने कहा, “मध्यम और गंभीर कोविड रोगियों के इलाज के लिए बिस्तर क्षमता का विस्तार करके दूसरी लहर की चुनौती को एक कड़ा जवाब दिया गया है।“ मंत्रालय ने बताया कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर अप्रैल-मई में रायबरेली और गोरखपुर में एम्स की शुरुआत की गई। इसने उत्तर प्रदेश के दूर-दराज जिलों फतेहपुर, बाराबंकी, कौशांबी, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, बस्ती, संत कबीर नगर, महाराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, बलिया, मऊ और आजमगढ़ के कोविड-19 के मरीजों का इलाज करने में मदद की।
वहीं रायपुर में एम्स में ही 19 मई तक कोविड-19 के 9,664 मरीजों का इलाज किया गया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि रायपुर, जोधपुर, पटना, ऋषिकेश, भुवनेश्वर और भोपाल एम्स पुरी तरह शुरू हो गए हैं।
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