नई दिल्लीः इस समय पूरा देश कोरोना वायरस की दूसरी लहर से कराह रहा है। इस गंभीर संकट के समय में सरकारें,प्रशासन  तथा समाज के विभिन्न वर्गों के लोग तत्परता के साथ कार्य कर रहे हैं। कोरोना की प्रथम लहर की भांति दूसरी लहर में भी आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक सेवा भारती सहित अन्य संगठन तथा संस्थाओं के माध्यम से प्रभावित परिवारों तथा जरूरतमंदों को सहायता उपलब्ध कराने के कार्य में जुटे हुए हैं। इस संकट काल में स्वयंसेवकों ने स्वतःस्फूर्त होकर लोगों की जरूरतों के मुताबिक कई प्रकार के सेवा कार्य शुरू किए हैं।

आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने मंगलवार को स्वयंसेवकों द्वारा किए जा रहे सेवा कार्यों के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोरोना के संभावित मरीजों के लिए आइसोलेशन केंद्र तथा संक्रमित रोगियों हेतु कोरोना केयर सेंटर, सरकारी कोविड केयर सेंटर तथा अस्पतालों में सहायता उपलब्ध करवाना, सहायता हेतु हेल्पलाइन नंबर, ऑनलाइन चिकित्सकीय सलाह, रक्तदान, प्लाज्मादान, अंतिम संस्कार का कार्य, आयुर्वेदिक काढ़ा तथा दवा वितरण, समुपदेशन (काउंसलिंग), ऑक्सीजन आपूर्ति तथा एम्बुलेंस सेवा, भोजन, राशन और मास्क,  टीकाकरण अभियान तथा जागरूकता और शव वाहन जैसे आवश्यक कार्य स्वयंसेवकों ने प्रारंभ किए हैं।

स्वयंसेवकों द्वारा सहायता के लिए देशभर में लगभग 3800 स्थानों पर हेल्पलाइन सेंटर्स चलाए जा रहे हैं। इसी प्रकार वैक्सीनेशन शिविर, सहयोग तथा जागरूकता अभियान में 7500 से अधिक स्थानों पर 22 हजार से अधिक कार्यकर्ता लगे हुए हैं, जिसमें अभी तक कई लोगों को वैक्सीनेशन करवाया गया है।  देशभर में 287 स्थानों पर आइसोलेशन केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें लगभग 9800 से अधिक बिस्तर की व्यवस्था है. इसके साथ ही 118 शहरों में कोविड केयर सेंटर भी चलाए जा रहे हैं, जिनमें 7476 बिस्तर की व्यवस्था है, इनमें से 2285 बिस्तर ऑक्सीजन युक्त हैं।

सुनील आंबेकर इन केंद्रों के संचालन में 5100 से अधिक कार्यकर्ता कार्य कर रहे हैं। इनके अलावा सरकारी कोविड केयर केंद्रों में भी स्वयंसेवक व्यवस्थाओं में सहयोग कर रहे हैं। देश में 762 शहरों में संचालित 819 सरकारी कोविड केयर केंद्रों में 6000 से अधिक कार्यकर्ता सहयोग कर रहे हैं। स्वयंसेवकों ने 1256 स्थानों पर रक्तदान शिविरों का आयोजन कर 44 हजार यूनिट रक्तदान करवाया है। साथ ही  देशभर में 1400 स्थानों पर संचालित चिकित्सकीय हेल्पलाइन के माध्यम से डेढ़ लाख से अधिक लोग लाभान्वित हुए हैं, इन केंद्रों में 4445 चिकित्सक सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

 

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