आप यानी आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक जरनैल सिंह का शुक्रवार को यहां निधन हो गया। 48 वर्षीय कोरोना वायरस से ग्रसित थे और पिछले कई दिनों से यहां एक अस्पताल में भर्ती थे। पूर्व पत्रकार रहे सिंह ने 2015 से 2017 तक दिल्ली के राजौरी गार्डन निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है। केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, “ दिल्ली के पूर्व विधायक जरनैल सिंह जी के असामयिक निधन से बेहद दुख हुआ। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे। समाज में उनके योगदान के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।”
Deeply saddened by the demise of Times Group Chairperson Smt. Indu Jain Ji. Her deep commitment to philanthropy and nation building will always be remembered. Condolences to her family. Om Shanti.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 14, 2021
वहीं सिसोदिया ने कहा कि जरनैल सिंह को एक ऐसे व्यक्ति के तौर पर याद किया जिन्होंने 1984 के सिख विरोधी दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ी। उन्होंने ने ट्वीट कर कहा, ”दिल्ली विधानसभा में अपने पूर्व साथी जरनैल सिंह के निधन का समाचार हम सबके लिए दुखद है। 1984 के नरसंहार के पीड़ित परिवारों के न्याय के लिए लड़ने वाली एक बुलंद आवाज हमारे बीच से चली गई। ईश्वर उन्हें अपने चरणों में जगह दे।“
दिल्ली विधानसभा में अपने पूर्व साथी जरनैल सिंह के निधन का समाचार हम सबके लिए दुखद है. 1984 के नरसंहार के पीड़ित परिवारों के न्याय के लिए लड़ने वाली एक बुलंद आवाज़ हमारे बीच से चली गई. ईश्वर उन्हें अपने चरणों में जगह दे.
— Manish Sisodia (@msisodia) May 14, 2021
आपको बता दें कि फेसबुक पर हिंदू देवी-देवताओं को लेकर आप ने पिछले साल जरनैल सिंह को पार्टी से सस्पेंड कर दिया था। हालांकि, मामला तूल पकड़ने पर जरनैल सिंह ने अपनी पोस्ट डिलीट कर दी थी। इसके बाद उन्होंने कहा था कि वो पोस्ट उन्होंने नहीं बल्कि उनके बेटे ने उनका फोन यूज करने के दौरान की थी।
जरनैल सिंह ने 2017 के विधानसभा चुनाव में पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके और प्रकाश सिंह बादल और मौजूदा मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। सिंह ने पंजाब में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए दिल्ली विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था। चुनाव हारने के बाद उनको दिल्ली में पंजाबी अकादमी का उपाध्यक्ष बनाया गया था।