अहमदाबाद
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि चक्रवात तौकते प्रचंड रूप से आगे बढ़ रहा है। इसके प्रभाव से लक्षद्वीप के ऊपर स्पष्ट तौर पर कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है जो और अधिक बढ़कर चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है। यह 18 मई की शाम को गुजरात के तट के पास पहुंच सकता है। आशंका जताई जा रही है कि अगले 24 घंटे में यह चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है।
बता दें कि समुद्र में गर्म और नम हवा ऊपर उठती है। जैसे-जैसे अधिक से अधिक हवा ऊपर उठती है, यह कम हवा छोड़ती है। इससे कम दबाव का क्षेत्र बन जाता है। इस क्षेत्र के चारों ओर दबाव अधिक होता है। आसपास के क्षेत्रों से हवा कम दबाव के क्षेत्र में धकेलती है। अब यह हवा गर्म होकर ऊपर उठती है। और यह चक्र चलता रहता है। जैसे ही गर्म हवा ऊपर उठती है, यह ठंडी हो जाती है और बादलों में संघनित हो जाती है। हवा और बादलों की पूरी प्रणाली घूमती है और बढ़ती है। जैसे ही सिस्टम तेजी से और तेजी से घूमता है, इसे केंद्र में एक आंख बनती है और यह चक्रवात का रूप ले लेता है।
मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि 14 मई की सुबह को दक्षिण-पूर्व अरब सागर में निम्न दबाव का क्षेत्र बन सकता है और उसके दक्षिण पूर्व अरब सागर में उत्तरी -उत्तरी पश्चिमी दिशा में एवं लक्षद्वीप की ओर बढ़ने की संभावना है। चक्रवाती तूफान के प्रभाव से कोंकण और गोवा क्षेत्र में शनिवार को कई जगहों पर हल्की से सामान्य बारिश होगी। गुजरात तट पर 17 मई से बारिश शुरू होगी। उसके बाद 18 मई को सौराष्ट्र और कच्छ के कुछ जगहों पर भारी से बहुत भारी बारिश होगी। 19 मई को कच्छ और इससे सटे दक्षिण पश्चिम राजस्थान में छिट पुट स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होगी। केरल में प्रशासन ने स्थिति सामान्य होने तक समुद्र में मछली पकड़ने पर रोक लगा दी है। केरल राज्य आपदा प्रबंधन ने भूस्खलन संभावित क्षेत्रों एवं तटीय इलाकों में रह रहे लोगों से भी एहतियात बरतने की अपील की है।