नई दिल्ली.
किसान आंदोलन भाग ले रही एक युवती के साथ सामुहिक दुष्कर्म किया गया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। 25 वर्षीय युवती पश्चिम बंगाल की थी। यह घटना टिकरी बार्डर की है।
किसान आंदोलन के बीच ही अचानक एक लड़की को आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया। बताया कि उनकी तबीयत खराब है।
कोरोनाकाल के कारण लोगों ने समझा कुछ इससे संबंधित कारण हो सकता है। इसलिए बात आगे नहीं बढ़ी। मगर, फिर चर्चा तेज हो गई। कुछ किसान नेताओं के जब यह कहते सुना गया कि जो हुआ, वह अच्छा नहीं हुआ, तो शक गहराने लगा। धीरे-धीरे यौन दुराचार की चर्चा तेज हो गई। इस बीच, युवती की मौत शहर के एक निजी अस्पताल में हो गई।
चूंकि उस समय युवती की मौत का कारण संक्रमण बताया गया था। लिहाजा, कोविड प्रोटोकोल से अंतिम संस्कार किया था। अगले दिन टीकरी बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की सभा के मंच पर अस्थि कलश रख किसानों ने मृतका को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर उसके पिता भी मौजूद थे।
युवती की मां 5 मई को टीकरी बॉर्डर पहुंची। उन्होंने कई किसानों से मुलाकात कर अपनी बेटी की मौत के मामले की जांच करवाने की मांग की। मगर कोई भी किसान नेता आधिकारिक रूप से कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुआ। इसके बाद बहादुरगढ़ पुलिस ने युवती के पिता की शिकायत पर महिला पुलिस थाना बहादुरगढ़ में दो महिलाओं और चार युवकों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का केस दर्ज किया है।
आरोपी किसान सोशल आर्मी से जुड़े हैं। उनकी पहचान अनिल मलिक, अनूप सिंह, अंकुश सांगवान, जगदीश बराड़, कविता आर्य और योगिता सुहाग के रूप में हुई है। आरोपियों पर धारा 376, 354, 365 और 342 के तहत केस दर्ज किया गया है। एसएचओ, शहर थाना, बहादुरगढ़ ने इसकी पुष्टि की है।