नई दिल्ली
कोविड-19 महामारी के कारण लोगों को वित्तीय संकट का भी सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार ने मदद का एक और हाथ बढ़ाया है। सरकार ने एम्प्लॉई डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम, 1976 (EDLI Scheme) के तहत दी जाने वाली बीमा राशि की सीमा बढ़ा दी है। इस सरकारी योजना के तहत अब बीमा राशि की सीमा सात लाख रुपये कर दी गई है।
जैसा कि आप जानते हैं कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपने सब्सक्राइबर्स या मेंबर एम्प्लॉई को जीवन बीमा की सुविधा भी देता है। ईपीएफओ के सभी सब्सक्राइबर एम्प्लॉई डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम 1976 के तहत कवर होते हैं। अब इंश्योरेंस कवर की धनराशि अधिकतम सात लाख रुपये हो गई है, जबकि पहले यह छह लाख रुपये थी।
श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री संतोष गंगवार की अध्यक्षता में ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की बुधवार को हुई 227वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया। कोरोना से पैदा हुई असाधारण हालात को देखते हुए, केंद्रीय बोर्ड ने ब्याज दर से संबंधित एजेंडे की भी समीक्षा की। केंद्रीय बोर्ड ने केंद्र सरकार को 8.50 प्रतिशत की समान दर रखने की सिफारिश की है। इसमें 31 दिसंबर, 2020 तक ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) और ऋण आय से 8.15 प्रतिशत और शेष 0.35 प्रतिशत पूंजीगत लाभ शामिल होगा।
साथ ही सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी ने बुधवार को 2019-20 के लिए ईपीएफ सदस्यों को 8.5 प्रतिशत ब्याज का भुगतान दो किस्तों में करने को भी अपनी मंजूरी दी है। संगठन पहले 8.15 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान करेगी और शेष 0.35 प्रतिशत ब्याज का भुगतान दिसंबर,2020 तक किया जाएगा।
इश्योरेंस कवर मृत्यु से पहले अंतिम 12 माह के दौरान प्राप्त होने वाले वेतन पर आधारित होता है। नियोक्ता और केंद्र सरकार ईडीएलआई योजना में योगदान देते हैं। कर्मचारी को जमा लिंक्ड बीमा योजना में योगदान देने की आवश्यकता नहीं होती है। इस योजना के तहत दावा राशि अंतिम 12 महीनों में हासिल किए जाने वाले वेतन का 30 गुना (अधिकतम 7 लाख रुपए) तक होती है।