मौजूदा समय में देश में लोग कोरोना वायरस की दूसरी लहर से कराह रहे हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में प्रति दिन संक्रमण के चार लाख से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं और करीब चार हजार लोगों की मौतें हो रही हैं। इस बीच डब्ल्यूएचओ (WHO) यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में कोरोना विस्फोट की वजह बताई है। डब्ल्यूएओ की शीर्ष वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि भारत मे कोरोना विस्फोट के पीछे की वजह इस वायरस का नया वेरिएंट है, जो बहुत ही ज्यादा संक्रामक और जानलेवा है। साथ ही उन्होंने टीकाकरण की धीमी रफ्तार को भी इसकी वजह माना है।
सौम्या ने न्यूज एजेंसी एएफपी को दिए इंटरव्यू में डॉ. सौम्या स्वामीनाथ ने कहा है कि भारत में आज हम जो कोरोना महामारी देख रहे हैं, यह इस बात का संकेत है कि कोरोना का यह वेरिएंट काफी तेजी से फैल रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि भारत में कोरोना विस्फोट से बचने का उपाय केवल टीकाकरण अभियान है और इसमें भी तेजी लाने की जरूरत है।
आपको बता दें कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली से लेकर यूपी तक अस्पतालो में बेड, ऑक्सीजन और दवाओं के लिए हाहाकार मचा है। भारत का हेल्थ सिस्टम ध्वस्त हो चुका है और कई विशेषज्ञ कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़ें पर सवाल उठा रहे हैं।
शिशु रोग विशेषज्ञ और डबल्यूएचओ की शीर्ष वैज्ञानिक डॉ. स्वामीनाथन ने कहा कि गत अक्टूर में भारत में पाया गया कोरोना का नया वेरिएंट B.1.617 अब वहां कोरोना विस्फोट का सबसे बड़ा कारण है। यही नया वेरिएंट अब देश में हर दिन लाखों लोगों को अपना शिकार बना रहा है और यह जानलेवा साबित हो रहा है।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का यह वैरिएंट काफी खतरनाक, जो कि यह शरीर में एंटीबॉडी बनाने से भी रोकता है और पुराने वेरिएंट के मुकाबले काफी तेजी से म्यूटेट करता है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन और अमेरिका भी इस वेरिएंट को काफी गंभीरता से ले रहे हैं। उन्होंने इसके पीछे लोगों की लापरवाहियों को भी कसूरवार माना है। बड़ी संख्या में भीड़ इकट्ठा होना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न होना भी इस विस्फोट के कारण हैं।
डॉ. स्वामीनाथन के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी और अन्य राजनेताओं द्वारा आयोजित बड़े पैमाने पर चुनावी रैलियां भी इसके लिए जिम्मेदार है। रैली में जुटी भीड़ ने भी कोरोना के प्रसार में मदद की। इसके अलावा, भारत में कई लोगों का यह मानना कि संकट टल गया है, यह भी बड़ी भूल है। क्योंकि काफी लोगों ने मास्क पहनना छोड़ दिया और बचाव के तरीकों का भी पालन नहीं किया, जिसकी वजह से कोरोना आसानी से फैलता चला गया।
इसके अलावा वहां टीकाकरण अभियान की धीमी रफ्तार ने भी कोरोना वायरस के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने बताया कि दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन बनाने वाले देश भारत ने अबतक 1.3 बिलियन से अधिक आबादी में से महज दो प्रतिशत को टीकाकरण किया है। उन्होंने कहा कि 70 से 80 प्रतिशत टीकाकरण के बिंदु तक पहुंचने में सालों नहीं तो कई महीने लगेंगे।
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