Subscribe for notification
ट्रेंड्स

मराठा आरक्षण पर ‘सुप्रीम’ फैसला, कोर्ट ने कहा- यह समानता के खिलाफ

नई दिल्ली
महाराष्ट्र सरकार की ओर से दिए गए मराठा आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बेंच ने केस की सुनवाई की। 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने कहा है कि इसकी सीमा को 50 फीसदी से ज्यादा नहीं बढ़ाया जा सकता। इसके साथ ही अदालत ने 1992 के इंदिरा साहनी केस में दिए गए फैसले की समीक्षा करने से भी इनकार कर दिया और कहा कि यह समानता के अधिकार का हनन है। अदालत ने 2018 के राज्य सरकार के कानून को भी खारिज कर दिया।

5 जजों की बेंच में अशोक भूषण के अलावा जस्टिस एल. नागेश्वर राव, एस. अब्दुल नजीर, हेमंत गुप्ता और एस. रवींद्र भट शामिल थे। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार यह बताने में नाकाम रही है कि कैसे मराठा समुदाय सामाजिक और आर्थिक तौर पर पिछड़ा है। राज्य सरकार की ओर से 2018 में लिए गए इस फैसले के खिलाफ कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थीं, जिन पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने यह फैसला सुनाया है।

बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने 50 फीसदी सीमा से बाहर जाते हुए मराठा समुदाय को नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण का ऐलान किया था। इस आरक्षण को लेकर राज्य भर में कई बार प्रदर्शन हुए। राजनीतिक दाव-पेंच के बीच मामला देश की शीर्ष अदालत में पहुंचा और सबकी निगाह अदालत के फैसले पर टिकी थी।

कोर्ट ने साफ कहा कि मराठा समुदाय के लोगों को रिजर्वेशन देने के लिए उन्हें शैक्षणिक और सामाजिक तौर पर पिछड़ा वर्ग नहीं कहा जा सकता। साथ ही कहा कि मराठा रिजर्वेशन लागू करते वक्त 50% की लिमिट को तोड़ने का कोई संवैधानिक आधार नहीं था। दरअसल, 2018 में महाराष्ट्र सरकार ने मराठा वर्ग को सरकारी नौकरी और उच्च शिक्षा में 16% आरक्षण दिया था। इसके पीछे जस्टिस एनजी गायकवाड़ की अध्यक्षता वाले महाराष्ट्र पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को आधार बनाया गया था। OBC जातियों को दिए गए 27% आरक्षण से अलग दिए गए मराठा आरक्षण से सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का उल्लंघन हुआ, जिसमें आरक्षण की सीमा अधिकतम 50% ही रखने को कहा गया था।

बता दें कि अलग-अलग समुदायों और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को दिए गए आरक्षण को मिलाकर महाराष्ट्र में करीब 75% आरक्षण हो गया है। 2001 के राज्य आरक्षण अधिनियम के बाद महाराष्ट्र में कुल आरक्षण 52% था। 12-13% मराठा कोटा के साथ राज्य में कुल आरक्षण 64-65% हो गया था। केंद्र की ओर से 2019 में घोषित आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए 10% कोटा भी राज्य में प्रभावी है।

Delhi Desk

Recent Posts

चुनाव आयोग से मिला बीजेपी का प्रतिनिधिमंडल, केजरीवाल के प्रचार पर रोक लगाने की मांग की

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में बीजेपी एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को चुनाव आयोग…

10 hours ago

दिल्ली के पास आपदा के कुशासन और भ्रष्टाचार के अंधकार से निकलने का एक मात्र विकल्प बीजेपीः शाह

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और AAP के राष्ट्रीय…

11 hours ago

भाईजान’ के सामने आने वाला संकट ही AAP और कांग्रेस की परेशानी हैः योगी

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को दिल्ली में चार चुनावी रैलियों को संबोधित…

12 hours ago

विदेशी महामंडलेश्वरों का आश्रम, आईआईटी बाबा और मोनालिसा के अलावा ऐसा बहुत कुछ है महाकुंभ में जिसे जानकर आप चौक जाएंगे

प्रयागराजः इस वक्त संगम नगरी प्रयागराज में आस्था का सैलाब उमड़ रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रति दिन देश…

22 hours ago

महाकुंभ की सुरक्षा को लेकर देर रात हाईलेवल मीटिंग, मौनी अमावस्या से पहले अलर्ट जारी, AI कैमरों से कड़ी निगरानी

प्रयागराजः प्रयागराज महाकुंभ का आज 16वां दिन है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक करीब 15 करोड़ श्रद्धालु महाकुंभ के…

24 hours ago

फरवरी में अमेरिका का दौरा कर सकते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फरवरी में अमेरिका का दौरा कर सकते हैं। आपको बता दें कि पीएम मोदी ने सोमवार…

24 hours ago