दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी ऑक्सीजन की कमी को लेकर शनिवार को तल्ख टिप्पणी की और केन्द्र सरकार को निर्देश दिया कि वह आज की दिल्ली को आवंटित 490 टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति करे। कोर्ट ने कहा यदि सरकार ऐसा करने में विफल रहती है, तो उसके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने पर कोर्ट विचार कर सकता है।
हाईकोर्ट ने यह कड़ा निर्देश बत्रा अस्पताल में ऑक्सीजन की भारी किल्लत संबंधी तत्काल सुनवाई करने की एक याचिका पर दिया। सुनवाई के दौरान अस्पताल ने न्यायालय को बताया कि ऑक्सीजन की कमी के कारण आठ मरीजों की मौत हो गयी है।जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली की एक खंडपीठ ने कहा, “ हम केन्द्र को चाहे जैसे हो आज ही दिल्ली को 490 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश देते हैं।”
जस्टिस सांघी ने केन्द्र की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा से कहा, “अब पानी सिर के ऊपर चला गया है। अब बहुत हो गयी है। हम 490 टन ऑक्सीजन से अधिक नहीं मांग रहे हैं। आपने इसे आवंटित किया है। अब आपके ऊपर है कि इसकी आपूर्ति करें।”
कोर्ट ने कहा कि केन्द्र सरकार ने दिल्ली को 490 टन मेडिकल ऑक्सीजन प्रतिदिन आपूर्ति का आवंटन किया था, जो केवल कागजों पर है। दिल्ली को आवंटित ऑक्सीजन अब तक नहीं मिली है। यह केन्द्र पर है कि वह टैंकरों की भी व्यवस्था करे।कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा, “ आदेश का पालन न करने पर हम अवमानना की कार्यवाही शुरू करने पर विचार करेंगे।” कोर्ट ने राजस्थान द्वारा कब्जे में ले लिये गये दिल्ली के चार ऑक्सीजन टैंकरों को लौटाने का भी केन्द्र सरकार को निर्देश दिया।”
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के अधिवक्ता राहुल मेहरा ने बताया कि प्रमुख ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता आइनॉक्स और एयर लिन्डे के संयंत्र खाली पड़े हैं।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने जब न्यायालय को बताया कि ऐसे ही मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस पर कोर्ट ने कहा, “आठ लोगों की मौत हो गई। दिल्ली में लोग मर रहे हैं और हम आंखें मूंदे नहीं रख सकते।” उधर, बत्रा अस्पताल के प्रबंध निदेशक ने कहा कि कम से कम से आठ मरीजों की ऑक्सीजन की कमी के कारण कल अस्पताल में मौत हो गई।
आपको बता दें कि एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें बत्रा अस्पताल के प्रबंधक निदेशक एससीएल गुप्ता कह रहे हैं कि अस्पताल ने दिल्ली सरकार को सतर्क कर दिया था। सरकार समय पर ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति करने में विफल रही है। समय पर ऑक्सीजन की आपूर्ति न हो पाने से आठ मरीजों की जान चली गई।
उन्होंने कहा कि इन मृतकों में अस्पताल के गैस्ट्रोइन्टेरोलॉजिस्ट डॉ. आरके हिमथानी भी शामिल हैं।