दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस को पिछले 100 वर्षों में सबसे बड़ा संकट करार दिया है और कहा है कि केंद्र और राज्य सरकारों की समूची मशीनरी एकजुट होकर इस संकट का मुकाबला कर रही है।
पीएम मोदी ने शुक्रवार को यहां मंत्रिपरिषद की बैठक में कोरोना की दूसरी लहर के कारण देशभर में उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण मानवता के सामने पिछले 100 वर्षों में सबसे बड़ा संकट खड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों और जनता के साथ मिलकर टीम इंडिया की तरह इस चुनौती का सामना कर रही है। समूची सरकारी मशीनरी एकजुट होकर तेजी से स्थिति से निपटने में लगी है। उन्होंने सभी मंत्रियों से कहा कि वह अपने क्षेत्र के लोगों के संपर्क में रहें , उनकी मदद करें तथा उनसे फीडबैक ले।
पीएम ने जोर कहा कि सभी मुद्दों की स्थानीय स्तर पर पहचान करके स्थानीय स्तर पर तेजी से समाधान किए जाने की जरूरत है। इस दौरान महामारी से निपटने के लिए पिछले 14 महीनों के दौरान उपायों और प्रयासों की भी समीक्षा की गई। साथ ही केंद्र सरकार के राज्यों के साथ मिलकर स्वास्थ्य क्षेत्र में ढांचागत सुविधाएं बनाने के प्रयासों पर भी चर्चा की गई। बैठक में मुख्य रूप से ऑक्सीजन, उसके उत्पादन , परिवहन और अनिवार्य दवाओं की उपलब्धता पर चर्चा हुई।
बैठक के दौरान देश के कमजोर वर्ग के लोगों को खाद्यान्न और जनधन खातों से वित्तीय सहायता जैसे मुद्दों का भी उल्लेख किया गया। साथ ही इस बात पर भी चर्चा हुई कि देश में दो वैक्सीनों का सफलतापूर्वक उत्पादन किया गया है और कई अन्य मंजूरी हासिल करने की प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में हैं। अब तक देश में 15 करोड़ टीके लगाए जा चुके हैं।
बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि इस चुनौती से निपटने में समाज की भागीदारी महत्वपूर्ण है और यह विश्वास व्यक्त किया गया कि देश इस परीक्षा की घड़ी में और मजबूत तथा सफल होकर निकलेगा तथा वायरस को परास्त करेगा।
पीएम मोदी की अध्यक्षा में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में सभी मंत्रियों तथा प्रधानमंत्री के सचिव , कैबिनेट सचिव और नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने हिस्सा लिया।