श्रीलंका में कानूनी रूप से बुर्का किया बैन कर दिया गया है. देश की कैबिनेट ने उस ‘विवादित प्रस्ताव’ को मंजूरी दी है, जिसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर नकाब या बुर्का पहनना प्रतिबंधित है. मार्च महीने में इस देश के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री सरथ वेरासेकेरा ने एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर कैबिनेट से प्रस्ताव को पास करने की मांग की थी. श्रीलंका ने नकाब या बुर्के को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया है. लेकिन ऐसा करने वाला श्रीलंका अकेला देश नहीं है, इससे कुछ समय पहले स्विटजरलैंड में भी इसपर एक जनमत संग्रह हो चुका है. यहां 51 फीसदी से अधिक लोगों ने बुर्के को प्रतिबंधित करने के पक्ष में वोटिंग की थी.
चीन
चीन में भी इस तरह का एक कानून लागू है लेकिन वहां केवल शिंजियांग प्रांत में ही आंशिक तौर पर उसे लागू किया गया है. इसके अलावा यूरोप के कई अन्य देशों में भी बुर्के पर आशंकि या पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा हुआ है. इन देशों में नीदरलैंड, फ्रांस, ऑस्ट्रिया, जर्मनी, बेल्जियम और डेनमार्क का नाम शामिल है. जर्मनी, फ्रांस और डेनमार्क ने तो कट्टरपंथी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए और भी कई तरह के प्रतिबंध लागू किए हैं. चलिए अब उन देशों की बात करतें हैं, जहां सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी तरह का नकाब पहनना प्रतिबंधित है.
फ्रांस
फ्रांस ने साल 2011 में एक कानून लाकर बुर्के पर प्रतिबंध लगाया था. यहां सीनेट में 14 सितंबर, 2010 को इस अधिनियम को मंजूरी मिल गई थी. इस कानून के तहत चेहरा ढकने के लिए मास्क, हेल्मेट, नकाब और अन्य तरह के कपड़े का इस्तेमाल करना प्रतिबंधित है (France Burqa Ban). इस प्रतिबंध की काफी आलोचना की गई थी, लोगों ने आव्रजन, राष्ट्रवाद, धर्मनिरपेक्षता और सुरक्षा जैसे मुद्दे तक उठाए. प्रतिबंध की वकालत करने वालों ने चेहरा ढकने को सुरक्षा के लिए खतरा बताया था. भेदभाव के आरोपों से बचने के लिए कानून में किसी धर्म विशेष का उल्लेख नहीं किया गया है.
बेल्जियम
यहां भी बुर्का सहित चेहरा ढकने वाली हर चीज साल 2011 से प्रतिबंधित है. नियम तोड़ने वाले पर जुर्माना लग सकता है और कम से कम सात दिन की जेल की कैद हो सकती है. यहां मुस्लिमों की संख्या महज दस लाख के करीब है, जिनमें से केवल 300 ही ऐसे हैं, जो बुर्का या नकाब पहनते हैं. इसलिए सरकार के इस प्रतिबंध से ज्यादा लोग प्रभावित नहीं हुए हैं.
डेनमार्क
डेनमार्क में अगस्त, 2018 से ही बुर्के पर प्रतिबंध लगा हुआ है. यहां इसी साल मई महीने में सांसदों ने कानून को मंजूरी दी थी. कानून के पक्ष में 75 और खिलाफ में 30 सांसदों ने वोट दिया था. अगर कोई इसका उल्लंघन करता है, तो उसपर 135 यूरो (करीब 12114 रुपये) का जुर्माना लगता है. हालांकि अगर कोई एक से अधिक बार इसका उल्लंघन करता है, तो उसके लिए अन्य सजाओं का प्रावधान भी है.
ऑस्ट्रिया
ऑस्ट्रिया का कानून कहता है कि लोग अपने बालों से लेकर ठुड्डी तक चेहरा नहीं ढक सकते हैं. यहां नकाब के खिलाफ लाए गए इस कानून का उल्लंघन करने पर 150 यूरो (करीब 13460 रुपये) का जुर्माना लग सकता है. ये प्रतिबंध साल 2017 से लागू है.
बुल्गारिया
बुल्गारिया में बुर्का पहनना साल 2016 से प्रतिबंधित है. इसका उल्लंघन करने वालों को 750 यूरो (करीब 67300 रुपये) का जुर्माना भरना पड़ सकता है. हालांकि इसमें कुछ लोगों को छूट दी गई है, अगर कोई धूल मिट्टी से बचने के लिए, खुले में काम करने के दौरान या घर में प्रार्थना करने के दौरान बुर्का या नकाब का इस्तेमाल करता है, तो उसके लिए कोई मनाही नहीं है.
नीदरलैंड
नीदरलैंड में सार्वजनिक स्थानों पर चेहरा ढकना प्रतिबंध है, ऐसा करने पर कम से कम 150 यूरो (करीब 13460 रुपये) का जुर्माना लग सकता है. ये नियम बुर्के, पूरा चेहरा ढकने वाले हेल्मेट और बैलेक्लाव पर भी लागू होता है. बैलेक्लाव वो होता है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर कमांडो करते हैं. लेकिन कानून में इस तरह का प्रतिबंध केवल आम लोगों के लिए है. नीदरलैंड में ये प्रतिबंध 14 साल तक चली बहस के बाद लागू हुआ था.
संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः चुनावी वादों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग जारी है। इस मसले…
दिल्लीः रेलवे टिकट की एडवांस बुकिंग अब आप 60 दिन पहले तक कर सकेंगे। पहले ये सुविधा 120 दिन पहले…
संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी की हवा एक बार फिर जहरीली हो गई है। दिल्ली में देर रात…
दिल्ली: सनातन धर्म में पांच दिवसीय दीपोत्सव का विशेष महत्व है। धनतेरस के दिन से शुरू होने वाली दिपोत्सव का…
दिल्लीः पांच दिवसीय दीपोत्सव का समापन भाई-दूज के साथ होता है। यह पर्व बहन और भाई के प्रति विश्वास और…
दिल्लीः मंगलवार, 29 अक्टूबर को धनतेरस के साथ दीपोत्सव शुरू रहा है। आपको बता दें कि इस साल दीपोत्सव 05…