देश में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव कराए गए हैं. चुनाव नतीजे 2 मई को जारी किए जाएंगे. देश में कोरोना के बढ़ते संकट के बीच चुनाव आयोग ने 2 मई को होने वाली वोटों की गिनती के लिए गाइडलाइंस जारी कर दी हैं. चुनाव आयोग ने चुनाव नतीजों के बाद किसी भी तरह के विजय जुलूस या जश्न पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है. काउटिंग सेंटर के बाहर किसी भी तरह की भीड़ पर रोक रहेगी. जीतने वाला उम्मीदवार केवल दो लोगों के साथ ही अपनी जीत का सर्टिफिकेट लेने जा सकता है. इसी के साथ आयोग ने अन्य पाबंदियां भी लगाई हैं-
चुनाव आयोग के मुताबिक, 2 मई को वोटों की गिनती वाले दिन बिना RT-PCR टेस्ट के किसी भी पोलिंग एजेंट को काउंटिंग सेंटर पर जाने की इजाजत नहीं होगी. इसी के साथ, जो भी पोलिंग एजेंट काउंटिंग सेंटर पर जाएगा, उसे PPE किट पहनना जरूरी होगा. आयोग ने कहा है कि जो भी कैंडिडेट काउंटिंग सेंटर पर जाएगा, उसे अपनी कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी और अगर उसकी उम्र 45 साल से ज्यादा है तो उसे अपना कोरोना वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट दिखाना भी जरूरी होगा. अगर उसने वैक्सीन की दो डोज ली हैं तो उसका सर्टिफिकेट उसे दिखाना होगा.
बता दें कि इस साल पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव हुए हैं, जिनके नतीजे 2 मई को घोषित किए जाने हैं. चारों राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चुनाव खत्म हो चुके हैं और केवल बंगाल में 29 मई को एक चरण की वोटिंग बाकी है. चूंकि इस साल देश में कोरोना का संकट बड़ी तेजी से बढ़ा है और ऐसे में चुनाव रैलियों में उमड़ी भीड़ पर लगातार सवाल खड़े किए जा रहे हैं. इसी को देखते हुए चुनाव आयोग ने 2 मई को लेकर अहम फैसले लिए हैं.
कोरोना के बढ़ते संकट के बीच हाल ही में एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को फटकार भी लगाई, जिसमें कहा गया है कि कोरोना की लहर के लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार है. कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग ने किसी भी तरह की चुनावी सभा पर रोक नहीं लगाई, जिनमें बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे हुए और संक्रमण का खतरा बढ़ा. इसी के साथ हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि 2 मई को होने वाली वोटों की गिनती के लिए जरूरी गाइडलाइंस जारी की जाएं, ताकि इस दौरान किसी भी तरह की चूक ना हो पाए.