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यदि ये लक्षण दिखे, तो क्या करें, क्या कहते हैं विशेषज्ञ, इन बातों का ध्यान रखकर पा सकते हैं कोरोना से मुक्ति

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से देश में हाहाकार मचा हुआ है। संक्रमण के नए मामले हर नया रिकॉर्ड बन रहा है। कोविड मरीजों को अस्पतालों में बेड और ऑक्सिजन नहीं मिल पा रहा है। समय में समुचित उपचार नहीं मिल पाने के कारण लोग दम तोड़ रहे हैं। हालांकि 81 प्रतिशत मरीजों में संक्रमण के मामूली लक्षण हैं या कोई लक्षण दिखाई नहीं दे रहा है।। ऐसे कुछ जरूरी बातों का ध्यान रख कर घर में ही ठीक हो सकते हैं और उन्हें अस्पताल जाने की नौबत नहीं आएगी। चलिए आपको बताते हैं कि कोरोना से बचाव के लिए किन बातों का ख्याल रखना चाहिए…

कोरोना वायरस के शुरुआती लक्षण सूखी खांसी, सूखा गला, बुखार और जुकाम है। इससे ग्रसित कई मरीजों में सूंघने और स्वाद लेने की शक्ति भी खत्म हो जाती है। उन्हें सरदर्द और बदन दर्द होता है और जबर्दस्त थकान महसूस होती है। इनके अलावा कुछ और भी लक्षण होते हैं, जैसे सांस लेने में तकलीफ, शरीर में ऑक्सिजन की मात्रा घटने लगना, सीने में दर्द और दबाव महसूस करते रहना, कमजोरी और चेहरे या फिर किसी अंग का सुन्न हो जाना। यदि मामला गंभीर हो जाए तो इन लक्षणों की शुरुआत के करीब पांचवें दिन न्यूमोनिया हो जाता है। फिर 7वें से 12वें दिन तक उसमें ऑक्सिजन की भारी कमी होने लगती है, जिसके बाद मरीज को आइसीयू में भर्ता करना पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि आप अपने स्वास्थ्य पर लगातार नजर बनाए रखें।

यदि आप में इनमें से कोई लक्षण हैं तो तुरंत खुद को अलग कर लें। अपने आप को ऐसा कमरे में बंद कर लें जिसमें हवा और रोशनी आने-जाने (वेंटिलेशन) की सबसे ज्यादा सुविधा हो। यदि उस कमरे से बाथरूम अटैच हो तो सोने पर सुहागा। एक और सबसे महत्वपूर्ण बात कि जांच करवाने और रिपोर्ट आने का इंतजार नहीं करें। जब तक रिपोर्ट आएगी तब तक आप कई लोगों को बीमारी बांट चुके होंगे।

हां यदि आप जांच में पॉजिटिव पाए गए और होम आइसोलेशन में रहने की सलाह मिली है तो आपको समय-समय पर शरीर का तापमान और ऑक्सिजन लेवल मापते रहना होगा और डीएसओ (DSO) जिले के निगरानी अधिकारी को अपडेट कराते रहना होगा। आपको मोबाइल पर आरोग्य सेतु ऐप भी डाउनलोड करना चाहिए। आप जहां भी हैं, वहां दूसरे व्यक्ति से कम-से-कम छह फीट की दूरी बनाए रखें। किसी को अपना बर्तन, कपड़ा, मोबाइल फोन आदि इस्तेमाल नहीं करने दें। यदि आपके ही कमरे में किसी और को भी रहने की मजबूरी है तो कमरे को खुला-खुला रखने की भरपूर कोशिश करें।

आपके लिए एक और सलाह है कि बाजार से पल्स ऑक्सिमीटर खरीद लें और खून में ऑक्सिजन की मात्रा नापते रहें। यदि आप लेट कर या बेड पर पड़े-पड़े ऑक्सिमीटर लगाते हैं तो संभव है कि ऑक्सिजन स्तर की सही रीडिंग नहीं आए। इसलिए, डॉक्टर कहते हैं कि ऑक्सिजन लेवल मापने के बाद छह मिनट तक टहलें और फिर से ऑक्सिमीटर लगाएं। फिर देखें कि पहले से छह या ज्यादा प्वाइंट कम रीडिंग आए तो आपको इलाज की जरूरत है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि जिस दिन आपको पहली बार कोरोना के लक्षण दिखे, उसके 10 दिनों बाद आप स्वस्थ हो जाएंगे, बशर्ते पिछले तीन दिनों से बुखार नहीं आ रहा हो। यानी, अगर लक्षण दिखने के सातवें दिन से 10वें दिन तक बुखार नहीं आए तो समझ लीजिए कि आप महामारी से मुक्त हो चुके हैं। हालांकि, आपको फिर भी अगले सात दिनों तक सबसे अलग ही रहना चाहिए। यदि आपमें लक्षण नहीं भी दिख रहे हों तो पॉजिटिव पाए जाने के कम-से-कम 10 दिन बाद ही किसी से मिलें-जुलें।

इन बातों का रखें ध्यानः-

  • घर में मरीज के लिए एक अलग कमरे की व्यवस्था हो सके।
  • मरीज की देखभाल के लिए एक व्यक्ति उपलब्ध हो।
  • अगर देखभाल के लिए कोई नहीं है तो अस्पताल से कोविड होम केयर पैकेज मंगवा लें।
  • 60 वर्ष से ऊपर या फिर हाइपरटेंशन, डाइबिटीज, हृदयरोग, फेफड़े/लीवर/किडनी की बीमारी समेत दूसरी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को डॉक्टर की सलाह मिले।
  • कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले, ट्रांसप्लांट करवा चुके, कैंसर या एचआईवी पीड़ित मरीजों को होम आइसोलेशन में नहीं रहना चाहिए।
  • डॉक्टर की बताई गई दवाइयां, खांसी और जुकाम की दवाई और दर्द से छुटकारा दिलाने वाली दवा
  • हैंड सैनिटाइजर
  • पल्स ऑक्सिमीटर
  • थर्मोमीटर
  • सर्जिकल मास्क (हर छह से आठ घंटे में बदले रहें)
  • बीटाडीन (दिन में दो बार गार्गल करने के लिए)
  • इस्तेमाल के बाद फेंक देने योग्य बर्तन
  • जिसे बार-बार छूना पड़े, उसकी सफाई के लिए स्प्रे या वाइप्स
  • मरीज के पास जाने से पहले सर्जिकल ग्लव्स पहनें
  • मरीज के इस्तेमाल किए गए मास्क और दूसरी चीजों को संक्रमणमुक्त बनाकर फेंकें। इसके लिए आप ऑर्डिनरी ब्लीच या फिर सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्युशन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • ग्लव्स उतारने के बाद हाथ जरूर धोएं
  • मरीज के पास कमरे में जाएं तो खिड़की दरवाजे खोल दें
Shobha Ojha

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