प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर ने देश के हौसले तथा आत्मविश्वास को झकझोर दिया है, लेकिन डॉक्टरों एवं विशेषज्ञों की सलाह पर चलकर सरकार और समाज धैर्य तथा अनुशासन पूर्वक सामूहिक प्रयासों से इसे भी परास्त करेगा। उन्होंने लोगों से अफवाह नहीं फैलाने तथा डॉक्टरों और फ्रंट लाइन वर्करों की बात सुनने की अपील की है।
आकाशवाणी पर प्रसारित होने वाले उनके मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ के दौरान पीएम मोदी ने रविवार को यह बातें कहीं। मन की बात के आज का अंक सिर्फ कोरोना पर केन्द्रित था। उन्होंने कहा, “मैं आपसे मन की बात एक ऐसे समय कर रहा हूं, जब कोरोना हम सभी के धैर्य, हम सभी के दुख बर्दाश्त करने की सीमा की परीक्षा ले रहा है। बहुत से लोग हमें असमय छोड़कर चले गए। कोरोना की पहली लहर के समय देश हौसले एवं आत्मविश्वास से भरा हुआ था लेकिन इस तूफान ने हमें झकझोर कर रख दिया है।”
मोदी ने कहा कि हमें इस लड़ाई को जीतने के लिए विशेषज्ञ और वैज्ञानिक सलाह को प्राथमिकता देनी है। राज्य सरकार के प्रयत्नों को आगे बढ़ाने में केन्द्र सरकार पूरी शक्ति से जुटी हुई है। राज्य सरकारें भी अपना दायित्व निभाने की पूरी कोशिश कर रहीं हैं। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि उन्हें अगर कोई भी जानकारी चाहिए हो, कोई और आशंका हो तो सही स्रोत से ही जानकारी लें। उन्होंने कहा, “आपके जो पारिवारिक डॉक्टर हो, आस-पास के डॉक्टर हों, आप उनसे फोन से संपर्क करके सलाह लीजिए। मैं देख रहा हूं कि कई डाक्टर खुद भी ये जिम्मेदारी उठा रहे हैं। वे सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारियां दे रहे हैं। यह पहल बहुत ही सराहनीय है।”
मोदी ने कहा कि संकट के इस काल में टीके की अहमियत सभी को पता चल रही है, इसलिए लोग टीके को लेकर किसी भी अफवाह में न आएं। केन्द्र सरकार की ओर से राज्यों में निशुल्क टीका भेजा गया है, जिसका 45 वर्ष के ऊपर के लोग लाभ ले सकते हैं। एक मई से 18 से 45 वर्ष के लोगों को भी टीका लगाने का अभियान शुरू होगा। देश का कारपोरेट क्षेत्र भी अपने कर्मचारियों को टीका लगवा सकेगा।
केन्द्र सरकार की तरफ से मुफ्त टीका का जो कार्यक्रम अभी चल रहा है, वो आगे भी चलता रहेगा। राज्यों से भी आग्रह है कि वे केन्द्र सरकार के इस मुफ्त टीका अभियान का लाभ अपने राज्य के ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं।
पीएम ने इस मौके पर लोगों की मदद में जुटे डॉक्टरों एवं अन्य फ्रंटलाइन पेशेवरों की सराहना की और कहा, “ जैसे आज हमारे चिकित्सा क्षेत्र के लोग, फ्रंटलाइन पेशेवर दिन-रात सेवा कार्यों में लगे हैं। वैसे ही समाज के अन्य लोग भी, इस समय, पीछे नहीं हैं। देश एक बार फिर एकजुट होकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। कोई क्वारेंटाइन में रह रहे परिवारों को भाेजन दवा आदि पहुंचा रहा है तो कोई निशुल्क एंबुलेंस की सुविधा दे रहा है। देश में अलग अलग स्वयंसेवी संगठन भी दूसरों की मदद के लिए जुटे हुए हैं।”
उन्होंने कहा कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि कोरोना से संक्रमित होने वालों की संख्या ज्यादा है तो कोरोना को हरा कर ठीक होने वालों की संख्या भी बहुत ज्यादा है। इस कार्यक्रम में दो डॉक्टरों, दो नर्सों, एक एंबुलेंस ड्राइवर और एक ठीक हुए रोगी से बात कराई और लोगों को आत्मविश्वास दिलाने का प्रयास किया कि इस लहर को भी आसानी से हराया जा सकता है।