दिल्लीः जस्टिस एनवी रमन ने शनिवार को देश के 48वें सीजेआई (CJI) यानी मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के तौर पर शपथ ली।  राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक संक्षिप्त समारोह में जस्टिस रमन को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।

इस मौके पर उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद सहित कई केंद्रीय मंत्री तथा सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश शामिल थे। इस अवसर पर कोविड-19 संक्रमण से संबंधित दिशानिर्देशों का व्यापक पालन किया गया।

राष्ट्रपति कोविंद ने संविधान के अनुच्छेद 124 के उपबंध-दो में प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए जस्टिस रमन को नया सीजेआई नियुक्त किया। न्यायमूर्ति रमन ने पूर्व सीजेआई एसए  बोबडे का स्थान लिया है, जिनका कार्यकाल कल समाप्त हो गया।

जस्टिस रमन ने विज्ञान एवं कानून में स्नातक की उपाधि हासिल करने के बाद 10 फरवरी 1983 से वकालत पेशे की शुरुआत की थी। उन्होंने न केवल आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय बल्कि केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) तथा उच्चतम न्यायालय में भी प्रैक्टिस की।

27  जून 2000 को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट का स्थायी जस्टिस नियुक्त होने के बाद वह 13 मार्च से 20 मई 2013 तक उसी उच्च न्यायालय के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किये गए। बाद में उन्हें पदोन्नति देकर दो सितम्बर 2013 को दिल्ली उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 17  फरवरी 2014 को जस्टिस रमन शीर्ष अदालत में पदोन्नत किये गए। जस्टिस रमन 26 अगस्त 2022 में सेवानिवृत्त होने वाले हैं।

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