देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति गम्भीर होती जा रही है. मोदी सरकार महामारी को नियंत्रण करने में नाकाम साबित हो रही है. ऐसा मानना है कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का. प्रियंका के आरोप लगाने पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने पलटवार किया है. संबित पात्रा ने कहा कि जब राजनीति नहीं होनी चाहिए, तब कांग्रेस पार्टी और खासतौर पर गांधी परिवार राजनीति कर रही है. उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी ने एक इंटरव्यू में जिस प्रकार से आलोचना की है, वह देश देख रहा है. देश उनको जवाब देगा. गांधी परिवार का घमंड इस आपदा के समय देश के सामने झलक रहा है.
संबित पात्रा ने कहा कि देश आज कोरोना की महामारी से जूझ रहा है, प्रधानमंत्री ने कल बताया कि केंद्र और राज्य सरकारें किस तरह इससे लड़ाई लड़ रही है. उन्होंने कहा, “देश में घबराहट, अफरातफरी और फेक न्यूज फैलाने की कोशिश की जा रही है. महाराष्ट्र ने जैसे असंवेदनशीलता दिखाई उसका नतीजा है कि आज लगभग 40-50% मामले एक ही राज्य से आ रहे हैं. प्रियंका जी, आज महाराष्ट्र की सरकार जो कर रही है उस पर आपके भाई एक शब्द नहीं बोल रहे हैं.”
इससे पहले प्रियंका गांधी ने समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में मौजूदा हालात के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, “हर जगह से ऐसी रिपोर्ट आ रही हैं कि समझ में ही नहीं आ रहा कि ये सरकार क्या कर रही है? शमशान घाटों पर इतनी भीड़ लगी है, लोग कूपन लेकर खड़े हैं. हम इस स्थिति में सोच रहे हैं कि हम क्या करें. जो सरकार को करना चाहिए था, वो सरकार नहीं कर रही है.”
प्रियंका गांधी ने कहा कि आज देशभर से रिपोर्ट आ रही हैं कि बेड, ऑक्सीजन, रेमडेसिविर, वेंटिलेटर की कमी है. कोराना संक्रमण की पहली लहर और दूसरी लहर के बीच हमारे पास तैयारी करने के कई महीने थे. उन्होंने कहा, “भारत की ऑक्सीजन प्रोडक्शन कैपेसिटी दुनिया में सबसे बड़ी है, ऑक्सीजन को ट्रांसपोर्ट करने की सुविधा नहीं बनाई गई. कितनी बड़ी त्रासदी है कि देश में ऑक्सीजन उपलब्ध है लेकिन जहां पहुंचना चाहिए वहां पहुंच नहीं पा रहा है. पिछले 6 महीने में 1.1 मिलियन रेमडेसिविर इंजेक्शन का निर्यात हुआ है और आज हमारे पास इंजेक्शन की कमी है.”
कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया कि सरकार ने जनवरी से मार्च महीने में कोरोना वायरस की 6 करोड़ वैक्सीन निर्यात की और इसी समय में 3-4 करोड़ भारतीयों को वैक्सीन दी. उन्होंने कहा, “आपने भारतीयों को प्राथमिकता क्यों नहीं दी? ये सरकार दुबई में ISI से बात कर सकती है, विपक्ष के नेताओं से बात नहीं कर सकती? मैं नहीं मानती कि आज विपक्ष का एक भी नेता ऐसा है जो इन्हें पॉजिटिव और रचनात्मक तरीके से सुझाव नहीं दे रहा है.”