कोरोना वायरस संक्रमण ने देश में कोहराम मचाया हुआ है. इस पर नियंत्रण के लिए सरकारें तेजी से वैक्सिनेशन कैंपेन चला रही हैं. इसके बाद भी बहुत से ऐसे केस भी सामने आ रहे हैं जिसमें वे लोग भी कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं जिन्होंने कोवैक्सीन और कोविशील्ड की दोनों डोज लगवा ली थी. अब इस पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ताजा हालात की जानकारी देते हुए चिंता जाहिर की है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश के 146 जिले सरकार के लिए चिंता का विषय हैं. इन जिलों में पॉजिटिविटी रेट 15 प्रतिशत से ज्यादा है. मंत्रालय ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप देश के सभी राज्यों में है. अभी जो एक्टिव केस हैं, वो पिछले साल के एक्टिव के मुकाबले दो गुने हैं. 740 जिलों में से 146 जिलों में 15 प्रतिशत से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट हैं और यही चिंता का विषय है. इसके अलावा 274 जिलों में से 5 से 15 प्रतिशत पॉजिटिविटी रेट है, 308 जिलों में पॉजिटिविटी रेट 5 प्रतिशत से कम है. पीटीआई के मुताबिक केंद्र सरकार ने कहा है कि कोवैक्सीन का दूसरी टीका लगवाने के बाद 0.04 प्रतिशत लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जबकि कोविशील्ड की दूसरी डोज के बाद पॉजिटिव पाए गए लोगों की संख्या 0.03 फीसद है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, केरल सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में हैं. विशेष फोकस इन राज्यों पर है और राज्य के साथ केंद्र सरकार मिलकर काम कर रही है. राजेश भूषण ने कहा कि देश में 21 लाख 57 हजार एक्टिव केस हैं, ये दूसरी लहर के बीच सभी राज्यों में हैं. कोरोना संक्रमण से मौत 1.17 फीसदी है, रिकवरी रेट 85 परसेंट है.
उन्होंने कहा, “हम दूसरी बड़ी लहर का सामना कर रहे हैं. पहली लहर पिछले साल देखी गई थी, जब सर्वाधिक 94 हजार मामले आते थे. राज्य और केंद्र सरकार मिलकर काम कर रहे हैं. कोशिश है कि इससे बाहर निकले, जैसे पहली लहर में निकले थे. भूषण ने कहा कि आशा कि एक किरण दिखाई दे रही है कि मृत्यु दर में कमी आ रही है. 5 राज्य ऐसे हैं, जहां 1 लाख से ज्यादा केस हैं.
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि महाराष्ट्र में 6 लाख 85 हजार, यूपी में 2 लाख 23 हजार केस हैं, ये राज्य ऐसे हैं, जिनके साथ मिलकर केंद्र सरकार अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है. महाराष्ट्र को देखें तो मार्च के पहले सप्ताह से औसत मामलों में वृद्धि हुई. यूपी में औसत मामले तेजी से बढ़े हैं. मौत की औसत दर भी बढ़ी है. कर्नाटक में हमने देखा कि मार्च के पहले सप्ताह में 450 केस आते थे.
मंत्रालय के मुताबिक केरल में मृत्यु दर नियंत्रण में है, लेकिन मामले बढ़े हैं. इस पर नियंत्रण पाने के लिए राज्य और केंद्र की सरकारें मिलकर काम कर रही हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने आंकड़ों के हवाले से बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में 10 साल से कम आयु के लोगों में संक्रमण 2.97 फीसद है, जबकि पहली लहर में यह 4.03 फीसद था. वहीं 10 से 20 साल की उम्र में कोरोना संक्रमण के मामले पहली लहर में 8.07 फीसद थे, वहीं दूसरी लहर में यह 8.50 फीसद है. 20 से 30 वर्ष की आयु में संक्रमण, जहां पहली लहर में 20.41 फीसद था, वहीं दूसरी लहर में यह 19.35 फीसद है.
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