पाकिस्तान में इन दिनों कट्टरपंथियों ने इमरान सरकार की नाक में दम कर रखा है. लोग सड़कों पर उतर कर इमरान सरकार के खिलाफ हिंसा फैला रहे हैं. इस हिंसा में करीब दर्जन भर लोग मर चुकें हैं और सैकड़ों लोग घायल हैं. ऐसे में इमरान सरकार ने ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों की सेवाओं को अस्थायी रूप से सस्पेंड कर दिया है. इमरान खान की सरकार ने ये फैसला देश में हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों को लेकर किया है. तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) की अगुवाई में पाकिस्तान में फ्रांस विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं. ये प्रदर्शन हिंसक रूप अख्तियार कर चुका है और सैकड़ों लोग इसमें घायल हो चुके हैं.
इमरान सरकार ने हालात को बिगड़ते देख टीएलपी पर गुरुवार शाम आधिकारिक रूप से प्रतिबंध भी लगा दिया. पिछले साल फ्रांस की विवादित पत्रिका शार्ली हेब्दो ने पैगंबर मोहम्मद का एक कार्टून बनाया था. इसके बाद से ही टीएलपी सरकार से फ्रांस के राजदूत को देश से बाहर निकालने की मांग कर रही है. टीएलपी ने कहा है कि ये ईशनिंदा है और इसके लिए फ्रांस के राजदूत को देश छोड़ना होगा. रविवार को लाहौर से टीएलपी के मुखिया साद रिजवी को गिरफ्तार कर लिया गया था.
इसके बाद भड़के टीएलपी समर्थकों ने देशभर के प्रमुख शहरों में प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. इस सप्ताह की शुरुआत में प्रदर्शनकारियों की पुलिसकर्मियों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों से हिंसक झड़प हुई. देश के हालात गृह युद्ध जैसे नजर आने लगे हैं. अभी तक इन हिंसक झड़पों में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो चुके हैं. साद रिजवी विवादित कार्टून के बाद से लगातार पाकिस्तान सरकार पर दबाव बनाने में जुटा हुआ था. बता दें कि टीएलपी की पहचान पाकिस्तानी की एक कट्टर इस्लामी पार्टी के तौर पर होती है.
पाकिस्तान में शुक्रवार की नमाज के बाद प्रदर्शनों पर रोक लगाने के लिए देश के गृह मंत्रालय ने ‘पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन अथॉरिटी’ (PTA) को सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को सस्पेंड करने का निर्देश दिया. पीटीए ने एक नोटिफिकेशन में कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सएप, यूट्यूब और टेलीग्राम) तक लोगों की पहुंच को पूरी तरह से ब्लॉक किया जाता है. हालांकि, पीटीए ने नोटिफिकेशन में सर्विस को सस्पेंड करने की वजह नहीं बताई. लेकिन आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार को डर है कि प्रदर्शनकारी सोशल मीडिया के जरिए इकट्ठा हो सकते हैं.
दूसरी ओर, फ्रांस ने गुरुवार को पाकिस्तान में मौजूद अपने नागरिकों को तुरंत देश छोड़ने की सलाह दी. इस्लामाबाद में मौजूद फ्रांसीसी दूतावास ने अपने नागरिकों और कंपनियों को अस्थायी रूप से देश छोड़ने की हिदायत दी. एक ईमेल में दूतावास ने कहा कि पाकिस्तान में फ्रांसीसी हितों को गंभीर खतरा है, इसलिए फ्रांसीसी नागरिकों और फ्रांसीसी कंपनियों को अस्थायी रूप से देश छोड़ने की सलाह दी जाती है. पाकिस्तान छोड़ने के लिए फ्रांसीसी नागरिक कमर्शियल एयरलाइन्स का प्रयोग कर सकते हैं.