दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सीबीएसई (CBSE) यानी केंद्रीय माध्यमिक परीक्षा बोर्ड रद्द करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि यदि दिल्ली को कोरोना का हॉटस्पॉट बनने से बचाना है तो सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाओं को रद्द करना होगा। उन्होंने मंगलवार को केंद्र सरकार से 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं को रद्द करने की अपील की।
केजरीवाल ने कहा कि इन परीक्षाओं में लाखों परीक्षार्थियों और लगभग एक लाख शिक्षकों शामिल होंगे। इसका मतलब है कि दिल्ली में कोरोना हॉटस्पॉट्स बन जाएंगे और इसके बाद हालात को संभाल पाना नामुमकिन हो जाएगा।
उन्होंने ने कहा, “दिल्ली में छह लाख बच्चे सीबीएसई की परीक्षा में बैठेंगे। साथ ही एक लाख शिक्षक भी इन परीक्षाओं में भाग लेंगे। इससे दिल्ली में कोरोना के हॉटस्पॉट्स बनेंगे। केंद्र सरकार से हाथ जोड़कर अपील है कि सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा को रद्द कर दिया जाएं।” इस दौरान उन्होंने कहा कि परीक्षा आयोजित कराने की बजाय इंटरनल असेसमेंट या ऑनलाइन एग्जाम का विकल्प निकाला जा सकता है।
केजरीवाल ने कहा , “दुनिया के कई देशों में दूसरी लहर में एग्जाम कैंसल कर दिए गए थे। हमारे देश में भी कई राज्यों ने बोर्ड एग्जाम कैंसल कर दिए।”
कोरोना मरीजों के इलाज की सुविधाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि कई अस्पतालों को पूरी तरह कोविड अस्पताल ही बना दिया गया है। अभी अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिए स्पेशल बेड की कमी नहीं है, लेकिन हालात तेजी से बदले तो दिक्कत हो सकती है। इसलिए उन्होंने उन मरीजों और उनके परिजनों से भी घर जाने की अपील की जिनकी हालत इलाज के बाद स्थिर हो गई है। उन्होंने कहा, “घर भेजकर हम पल्ला नहीं झाड़ रहे हैं। आप घर जाएंगे तो भी डॉक्टर आपके संपर्क में रहेंगे। आपका हाल-चाल लेते रहेंगे और स्थिति बिगड़ेगी तो दुबारा अस्पताल बुला लिए जाएंगे। अगर आप इस हालत में हैं कि घर में जाकर रह सकते हैं तो दूसरों के लिए हॉस्पिटल बेड खाली कर दें। उनकी भी जान बचानी है, उनका भी इलाज करना है।”
उन्होंने युवाओं से कोरोना गाइडलाइंस का पालन करने की अपील करते हुए कहा, “इस बार की कोरोना लहर बहुत ज्यादा खतरनाक है। इस लहर में युवा और बच्चे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। इस बार 65 प्रतिशत मरीज 45 साल से कम उम्र के है। मेरा युवाओं से निवेदन है कि जब भी आप घर से बाहर निकले कोविड दिशानिर्देशों का सख़्ती से पालन करे।”