राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बेकाबू होते कोरोना वायरस की रोक थाम के लिए पहले नाइट कर्फ्यू लगाया गया। इसके बाद स्कूल- कॉलेजों को अगले आदेश तक बंद रखने का आदेश जारी किया गया। अब जल्द की कुछ और पाबंदियों का ऐलान हो सकता है।
आपको बता दें कि डीडीएमए यानी दिल्ली आपदा प्रबंधन अथॉरिटी थह अप्रैल को रात को 10 से सुबह पांच बजे तक नाइट कर्फ्यू की घोषणा की थी।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डीडीएमए ने कुछ नई पाबंदियों को लेकर चर्चा की है और जल्द ही नया आदेश जारी हो सकता है। नए आदेश के तहत सभी तरह की सामाजिक, पॉलिटिकल, स्पोर्ट्स, एंटरटेनमेंट, अकादमिक, सांस्कृतिक, धार्मिक तथा समारोह में लोगों के शामिल होने पर पाबंदी लगाई जा सकती है।
सूत्रों ने बताया कि नए आदेश के तहत अंतिम संस्कार में भाग लेने वालों की संख्या 50 से घटाकर 20 की जा सकती है। वहीं शादी समारोह के लिए लोगों की संख्या को 50 तक सीमित की जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली मेट्रो में भी कैपिसिटी के हिसाब से केवल 50 फीसदी लोग ही सफर कर सकेंगे। दिल्ली के अंदर चलने वाले डीटीसी और क्लस्टर की बसों में कैपिसिटी से 50 फीसदी सवारियों को ही सफर करने इजाजत देने पर विचार किया जा रहा है। अभी बसों में सिटिंग कैपिसिटी के हिसाब से बस में 40 से 45 लोग ही सफर कर सकते हैं।
बात खेलों की करें, तो स्टेडियम में स्पोर्टर्स इवेंट बिना दर्शकों के होंगे। सिनेमाघर, थियेटर, मल्टीप्लैक्स खुल सकेंगे लेकिन केवल 50 फीसदी दर्शकों के आने की इजाजत होगी। यानी सिटिंग कैपिसिटी के हिसाब से 50 फीसदी लोग एक समय में बैठ सकेंगे
सूत्रों के अनुसार दिल्ली सरकार के दफ्तरों में 50 फीसदी स्टाफ के साथ काम करने का आदेश एक बार फिर लागू हो सकता है। आपको बता दें कि पहले भी यह आदेश लागू हुआ था लेकिन कोरोना केस कम होने पर 100 फीसदी हाजिरी का आदेश लागू कर दिया था। ग्रेड-1 और इससे ऊपर रैंक के अधिकारियों को छोड़कर बाकी 50 फीसदी स्टाफ को ही बुलाया जा सकता है। एचओडी इस बारे में शेड्यूल तैयार करेंगे। हालांकि जरूरी सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों पर यह आदेश लागू नहीं होगा। ऐसे कर्मचारियों के लिए 100 फीसदी हाजिरी का नियम ही लागू होगा।
स्वास्थ्य विभाग और इससे जुड़े मेडिकल एसटेबिलिसमेंट. पुलिस, जेल स्टाफ, होम गार्ड्स, सिविल डिफेंस, इमरजेंसी सेवाओं, डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन, सफाई, पानी, बिजली, आपदा प्रबंधन समेत कोरोना से लड़ाई में जरूरी सेवाओं में लगे कर्मचारियों पर यह प्रस्ताव लागू नहीं होगा। जरूरी सेवाओं को लोगों तक पहुंचाने में काम करने वाले कर्मचारियों को इस प्रस्ताव के तहत कोई छूट नहीं मिलेगी। यानी जो कर्मचारी जरूरी सेवाओं में लगे हैं, उनके लिए 100 फीसदी हाजिरी का नियम ही लागू रहेगा।
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