यह खबर चिंता बढ़ाने वाली है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर जितनी तेजी से बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से राज्यों में वैक्सीन का स्टॉक से खत्म हो रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार राज्यों के पास वैक्सीन का स्टॉक औसतन 5.5 दिन बचा हुआ है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक आंध्र प्रदेश में 1.2 दिन तो बिहार में 1.6 दिन के वैक्सीनेशन का स्टॉक है। आपको बता दें कि एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में पांच दिनों तक यानी 11 अप्रैल से 14 अप्रैल तक टीका उत्सव मनाने की अपील की थी। अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी के उस बयान पर तंज कसा है।
उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि बढ़ते कोरोना संकट में वैक्सीन की कमी बड़ी समस्या है। ये उत्सव का समय नहीं है। उन्होंने सवाल किया कि अपने देश वासियों को खतरे में डालकर क्या वैक्सीन एक्सपोर्ट करना सही है? केंद्र सरकार को बिना पक्षपात के राज्यों को मदद करनी चाहिए।
बढ़ते कोरोना संकट में वैक्सीन की कमी एक अतिगंभीर समस्या है, ‘उत्सव’ नहीं-
अपने देशवासियों को ख़तरे में डालकर वैक्सीन एक्सपोर्ट क्या सही है?केंद्र सरकार सभी राज्यों को बिना पक्षपात के मदद करे।
हम सबको मिलकर इस महामारी को हराना होगा।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 9, 2021
आपको बता दें कि कोरोना के मुद्दे पर मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने गुरुवार को कहा था कि वैक्सीन का वेस्टेज रोकना है। राज्यों की सलाह से ही देश के लिए रणनीति बनी है। 45 साल से ऊपर के लोगों को 100 फीसदी वैक्सीनेशन का लक्ष्य बनाइए। 11 अप्रैल को ज्योतिबा फुले और 14 अप्रैल को बाबा आंबेडकर की जयंती है। क्या हम इस दौरान टीका उत्सव मना सकते हैं?
उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक राज्यों को वैक्सीन की आपूर्ति चार से आठ दिन के बीच में की जाती है। राज्यों के अधिकारियों से प्रतिदिन बात कर तय किया जाता है कि किस राज्य में वैक्सीन भेजी जानी है। सभी राज्यों के आंकड़े जोड़ा जाए तो सरकार औसतन रोजाना 36 लाख डोज लगा रही है। मौजूदा समय में सरकार के पास एक करोड़ 96 लाख वैक्सीन का स्टॉक है तथा 2 करोड़ 50 लाख वैक्सीन पाइपलाइन में है।
वैक्सीन के मामले में आंध्र प्रदेश और बिहार की स्थिति काफी खराब है। आंध्र प्रदेश के के पास वैक्सीन के 1.4 लाख डोज ही बचे हैं, जबकि यहां रोजाना 1.1 लाख वैक्सीन लोगों को लगाई जा रही है। इस हिसाब से राज्य के पास महज दो दिन का स्टॉक है। राज्य को पाइपलाइन में फंसी 14.6 लाख वैक्सीन का इंतजार है। वहीं बिहार के पास 2.6 लाख डोज बचे हुए हैं। राज्य में रोज 1.7 लाख वैक्सीन डोज लोगों को लगाए जा रहे हैं।
वहीं तमिलनाडु में टीकाकरण की प्रक्रिया काफी धीमी रफ्तार से चल रही है, जिसके कारण राज्यके पास 17 लाख वैक्सीन का डोज है। राज्य में रोजाना करीब 37 हजार वैक्सीन लोगों को लगाई जा रही है। उधर, महाराष्ट्र में प्रतिदिन 3.9 लाख वैक्सीन लगाई जा रही हैं। राज्य के पास 15 लाख वैक्सीन का स्टॉक है। आपको बता दें कि महाराष्ट्र दो अप्रैल को वैक्सीन के सबसे ज्यादा 5.1 लाख लोगों को वैक्सीन की डोज दी गई थी। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान के पास जल्द ही वैक्सीन की खेप पहुंचा दी जाएगी।