छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुई नक्सली मुठभेड़ में सेना के 22 जवान शहीद हो गये थे. इसमें करीब दर्जन भर नक्सलियों के मारे जाने की भी खबर आई थी. इस दौरान 3 अप्रैल को कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास को नक्सलियों ने अगवा कर लिया था. उन्हें रिहा किया गया है. सैकड़ों ग्रामीणों के सामने नक्सलियों ने सीआरपीएफ के जवान को रिहा किया. पद्मश्री धर्मपाल सैनी की उपस्थिति में बिना किसी शर्त के नक्सलियों ने जवान को बिना नुकसान पहुंचाए छोड़ा.
नक्सलियों के कब्जे से 6 दिन रहने के बाद कोबरा जवान राकेश्वर मनहास को रिहा किया गया. सरकार द्वारा गठित दो सदस्यीय मध्यस्ता टीम के सदस्य पद्मश्री धर्मपाल सैनी, गोंडवाना समाज के अध्यक्ष तेलम बोरैया समेत सैकड़ो ग्रामीणों की मौजूदगी में नक्सलियों ने जवान को रिहा किया. रिहाई के बाद मध्यस्थता करने गई टीम जवान को लेकर बासागुड़ा लौट रही है.
वहीं, जवान की रिहाई पर उनकी पत्नी मीनू ने कहा कि आज मेरी जिंदगी का सबसे खुशी का दिन है. मैं उनकी वापसी को लेकर हमेशा आशापूर्ण थी. मैं सरकार को धन्यवाद करती हूं.
जवान की रिहाई के लिए मध्यस्ता कराने गई दो सदस्यीय टीम के साथ बस्तर के 7 पत्रकारों की टीम भी मौजूद है. नक्सलियों के बुलावे पर जवान को रिहा कराने बस्तर के बीहड़ में वार्ता दल समेत कुल 11 सदस्यीय टीम पहुंची थी.
बीजापुर में माओवादियों द्वारा अगवा किए गए जवान राजेश्वर मनहास की रिहाई के लिए जेल बंदी रिहाई समिति नक्सलियों से बातचीत कर रही थी. नक्सलियों ने अगवा जवान की तस्वीर जारी कर कहा था कि वो पूरी तरह से सुरक्षित हैं. नक्सलियों से बातचीत करने गठित समिति की टीम के साथ सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी और पत्रकार भी गए थे.