घर, कार आदि पर ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद की उम्मीद पाले लोगों को बुधवार को मायूसी हाथ लगी। भारतीय रिजर्व बैंक ने कोरोना संकट के दौर में देश के विकास को गति देने पर ध्यान केंद्रित किया तथा  प्रमुख नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई के गवर्नर शक्ति कांता दास ने मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक के बाद बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी और कहा कि  मुख्य नीतिगत दरें यथावत रखी गई है। यानी रेपो रेट को चार फीसदी और रिवर्स रेपो रेट को 3.35 फीसदी पर स्थिर रखा गया है।

उन्होंने बताया कि रेपो दर चार प्रतिशत, रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर यथावत है। इसके साथ ही एमएसएफ 4.25 प्रतिशत और बैंक दर 4.25 प्रतिशत पर स्थिर है। ये दरें अब तक के रिकॉर्ड निचले स्तर पर हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना का प्रसार बढ़ने के बावजूद अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है। हालांकि हाल में  जिस तरह से मामले बढ़े हैं, उससे थोड़ी अन‍िश्चिचतता पैदा हुई है।
उन्होंने कहा, “हाल में देश के कई राज्यों में कोरोना के जिस तरह से मामले बढ़े हैं, उससे थोड़ी अन‍िश्चिचतता बढ़ी है, लेकिन भारत चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है।”

दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक रुख को उदार बनाए रखा है। फिलहाल अर्थव्यवस्था की स्थिति को देखते हुए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।  उन्होंने कहा, “देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस के नए मामले बढ़ने की वजह से ग्रोथ आउटलुक पर अनिश्चितता बनी है। कई राज्य सरकारों द्वारा कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगाए जा रहे प्रतिबंध की वजह से आर्थिक रिकवरी को झटका लग सकता है।”

आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021 22 के लिए  विकास अनुमान को 10.5 फीसदी पर यथावत रखा है। नए कर्ज उपलब्ध कराने के लिए वित्तीय कंपनियों को 50,000 करोड़ रुपये की मदद देने का प्रावधान किया गया है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के हिसाब से साल 2021 की चौथी तिमाही में महंगाई दर पांच फीसदी, साल 2021-22 की पहली तिमाही में 5.2 फ़ीसदी, साल 2021-22 की दूसरी तिमाही में 5.2 फीसदी और साल 2022 की तीसरी तिमाही में 4.4 फ़ीसदी रहने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में महंगाई दर 5.1 फ़ीसदी रह सकती है।

दास ने बताया कि सरकार की मदद से आरबीआई कोरोना वायरस के मद्देनजर देश की अर्थव्यवस्था में आ रहे बदलाव को दिशा देने के लिए हर संभव उपाय करेगा। केंद्रीय बैंक सिस्टम में पर्याप्त तरलता उपलब्ध कराने के लिए कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा कि देश में ग्रामीण इलाके से ग्राहकों की मांग में तेजी दर्ज की जा रही है, जबकि अब शहरी इलाकों से भी ग्राहकों की मांग में सुधार के संकेत मिल रहे हैं। दुनिया भर में कोरोनावायरस का टीकाकरण चलने की वजह से आर्थिक रिकवरी आ रही है।

मौद्रिक नीति की प्रमुख बातेंः-

  • रेपो दर 4.00 प्रतिशत पर यथावत
  • रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर यथावत
  • मार्जिनल स्टैंडिंग फैसेलिटी (एमएसएफ) 4.25 प्रतिशत पर यथावत
  • बैंक दर 4.25 प्रतिशत पर यथावत
  • अगले वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान
  • चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में खुदरा महंगाई 5.2 प्रतिशत रहने की संभावना
  • अगले वित्त वर्ष की पहली छमाही में खुदरा महंगाई 5.2 प्रतिशत से 5.0 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान
  • मौद्रिक नीति समिति की अगले वित्त वर्ष में पहली द्विमासिक बैठक दो से चार जून के बीच

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