भारत में दूसरी लहर में कोरोना वायरस काफी तेजी से फैल रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों में देश के विभिन्न हिस्सों में इस संक्रमण के करीब 1.16 लाख नए मामले दर्ज किए गए है। कोरोना वायरस के स्ट्रेन की तरह इसके लक्षण भी बदल रहे हैं। आइए आपको इसके लक्षण के बारे में जानकारी देते हैं।
- भारत में कोविड-19 को लेकर जो स्टडी हुई है, उसके मुताबिक इसके बदलते स्ट्रेन की वजह से लक्षण भी बदल रहे हैं। अब सिर्फ बुखार, थकान या सूखी खांसी, स्वाद और गंध महसूस न होना ही कोरोना के लक्षण नहीं हैं।
- एक रिपोर्ट के अनुसार ब्राजील और केंट के वैरिएंट्स ज्यादा ताकतवर हैं और इनकी वजह से नए तरह के लक्षण सामने आ रहे हैं। कोरोना का यह स्ट्रेन प्रमुख अंगों पर भी हमला कर रहे हैं। भारत के अस्पतालों में हुई रिसर्च के अनुसार वायरस से ग्रसित पाए गए पॉजिटिव पाए गए मरीजों में नए लक्षण सामने आए हैं।
- कोरोना के नए लक्षणों में पेटदर्द, मतली, उल्टी और सर्दी के साथ ही मांसपेशियों का दर्द, गैस्ट्रोइन्टेस्टाइनल जटिलताएं, कमजोरी और भूख लगने में कमी भी शामिल हैं। डॉक्टर बुखार और खांसी जैसे सामान्य लक्षण न होने के बाद भी टेस्ट करवा रहे हैं, तो मरीज कोरोनावायरस पॉजिटिव आ रहे हैं। इससे पहले यूके और अन्य यूरोपीय देशों में इन्फेक्शंस की दूसरी और तीसरी लहर में बुखार या खांसी के अलावा भी लक्षण, असामान्य संकेत सामने आए थे।
- वहीं चीन में हुई एक स्टडी के अनुसार कंजक्टिवाइटिस भी कोविड-19 इंफेक्शन का लक्षण है। नए स्ट्रेन की वजह से आंखों में लालिमा, सूजन और पानी आने की समस्या हो सकती है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ऑडियोलॉजी में पिछले सप्ताह छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक इन्फेक्शन सुनने की क्षमता को भी कमजोर बना रहा है। स्टडी के मुताबिक 7.6 फीसदी इन्फेक्टेड लोगों की सुनने की क्षमता प्रभावित हुई है।
- बहुत ज्यादा कमजोरी और थकान को भी कोरोना इन्फेक्शन का शुरुआती लक्षण माना जा रहा है। यह साइटोकिन्स की वजह से हो सकता है, जो शरीर में किसी भी तरह के इन्फेक्शन पर रिएक्शन के तौर पर इम्यून सिस्टम में बनने लगते हैं। जब आपका शरीर इन्फेक्शन से लड़ता है तो आपको महसूस होगा कि आपके शरीर की पूरी एनर्जी ही किसी ने खींच ली है।
क्या हैं गैस्ट्रोइन्टेस्टाइनल लक्षण?
- डॉक्टरों के मुताबिक कई तरह की गैस्ट्रोइन्टेस्टाइनल समस्याएं भी सामने आ रही हैं। पहले के मुकाबले इनकी संख्या बढ़ी है। पहले तो यह लक्षण दिखे ही नहीं थे, लेकिन अब ज्यादातर केस में यह लक्षण दिख रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि वायरस के नए स्ट्रेन डाइजेस्टिव सिस्टम को प्रभावित कर रहे हैं और इसकी वजह से डायरिया, पेटदर्द, मतली और उल्टी के लक्षण बढ़ रहे हैं।
- आपके शरीर में जैसे-जैसे वायरस का लोड बढ़ता है, वैसे-वैसे वह अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में डॉक्टरों की सलाह है कि लापरवाही न बरतें। कोई भी लक्षण दिखते ही टेस्ट कराएं और समय पर इलाज कर वायरस का लोड बढ़ने से रोकें।
- कोरोना के ज्यादातर नए केसों में लक्षण हैं ही नहीं। कुछ में माइल्ड से मॉडरेट लक्षण हैं, लेकिन जिस तरह वायरस में बदलाव हो रहे हैं इन्फेक्शन की गंभीरता भी सामने आ रही है। जिन लोगों को किसी न किसी तरह की गंभीर बीमारी हैं, उनके लिए यह इन्फेक्शन घातक साबित हो सकते हैं और इसी वजह से अस्पतालों में भीड़ लग गई है। महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश जैसे राज्यों के प्रमुख शहरों के अस्पतालों में तो नए मरीजों के लिए जगह ही नहीं है।