अनिल देशमुख की जगह दिलीप वलसे पाटिल महाराष्ट्र के गृहमंत्री होंगे। राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार शाम को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को पत्र लिखकर देशमुख का इस्तीफा स्वीकार करने तथा उनकी जगह पाटिल को गृह विभाग का प्रभार सौंपने का आग्रह किया है। वहीं पाटिल के पास रहे श्रम विभाग का प्रभार मंत्री हसन मुश्रीफ और राज्य उत्पादन शुल्क विभाग का प्रभार उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री अजीत पवार को सौंपने को आग्रह किया है। आपको बता दें कि बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा आज वसूली के आरोपों की जांच सीबीआई को सौंपने के बाद देशमुख्य ने राज्य के गृहमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

देशमुख ने सीएम उद्धव से उनके घर जाकर मुलाकात की। उन्होंने उद्धव को सौंपे छह लाइन के अपने इस्तीफे नैतिकता की बात कही है। उन्होंने लिखा कि आज माननीय हाईकोर्ट की ओर से वकील जयश्री पाटिल की याचिका पर सीबीआई जांच का आदेश दिया गया है। इसलिए मैं नैतिकता के आधार पर गृह मंत्री के पद से इस्तीफा देता हूं। मैं आपसे विनम्र निवेदन करता हूं कि मुझे गृह मंत्री के पद से मुक्त किया जाए।

 

अनिल देशमुख ने इस्तीफे की चिट्ठी अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट की है।

उधर, सीबीआई की टीम मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा पूर्व गृह मंत्री देशमुख पर लगाए गए आरोपों की जांच के लिए मंगलवार को मुंबई पहुंचेगी।

कोर्ट ने कहा,  “यह पूरा मामला एफआईआर (FIR) यानी प्राथमिकी के इर्दगिर्द घूम रहा है। जयश्री पाटिल ने पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज करवाने की कोशिश की थी, लेकिन उनकी प्राथमिकी  दर्ज नहीं हुई। हम इस मामले से जुड़े अन्य मुद्दों पर अभी बात नहीं करेंगे। हम इस बात से सहमत हैं कि यह एक अभूतपूर्व मामला है। अनिल देशमुख पुलिस विभाग को लीड करने वाले गृह मंत्री हैं। इस मामले में एक निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, इसलिए सीबीआई फिलहाल बिना प्राथमिकी दर्ज किए इस मामले की जांच करे और 15 दिन में अपनी प्राथमिक रिपोर्ट पेश करे।“

आपको बता दें कि मुंबई पुलिस के आयुक्त रहे परमबीर सिंह ने देशमुख पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर कर में देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की गई थी। साथ ही मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त के पद से अपने तबादले के आदेश को भी चुनौती दी है। इससे पहले परमबीर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था तथा उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट जाने को कहा था।

वहीं कोर्ट द्वारा इस मामले की सीबीआई जांच कराने के आदेश के बारे में शिवसेना सांसद संजय राउत ने अनभिज्ञता जाहिर की कहा कि बिना जानकारी के लिए मैं कोई भी टिप्पणी नहीं कर सकता। कोर्ट ने जो भी बातें कहीं हैं, उसका आकलन करना होगा और उसके बाद ही सरकार इस पर कोई अपना पक्ष रखेगी। उधर, महाराष्ट्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने समय-समय पर इस मुद्दे को लेकर अपनी भूमिका रखी है और आगे भी वह अपनी बातें सही फोरम पर रखेंगे

 

 

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