प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि जब कोई खिलाड़ी बार-बार अम्पायर पर सवाल उठाने लगे, तो समझ लीजिए इसके खेल में खोट है। ठीक उसी तरह से जब कोई ईवीएम (EVM) को दोष देने लगे, तो समझ लीजिए कि उसका खेल खत्म हो चुका है।उसका खेल खत्म हो चुका है। उन्होंने ये बातें आज पश्चिम बंगाल में हुगली के तारकेश्वर में रैली को संबोधित करते हुए कही।

पीएम ने कहा कि बंगाल के लोग हर परीक्षा में पास हुए हैं। फेल तो वे लोग हुए हैं, जिन्होंने बंगाल का विकास नहीं किया। बंगाल के लोगों ने एक बार फिर परिवर्तन की कमान संभाल ली है। यहां के लोग सोनार बांग्ला के विजन में बीजेपी की सरकार बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि दो मई को क्या नतीजे आएंगे, इसकी झलक हम दो दिन पहले नंदीग्राम में देख चुके हैं।

ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि हर चरण के मतदान के साथ दीदी की बौखलाहट बढ़ती जाएगी। उन्होंने कहा, “दीदी हार आपके सामने है। इसे स्वीकार कीजिए। निर्वाचन खेल नहीं है। गणतंत्र खेल नहीं है।” उन्होंने ममता पर निशाना साधते हुए कहा कि बंगाल के लोगों ने ही ममता को 10 साल पहले सिर आंखों पर बैठाया था। लेकिन दीदी इन्हीं का अपमान कर रही हैं।

पीएम ने हुगली की सभा में किसानों को लुभाने की कोशिश भी की और कहा कि हुगली का आलू बड़ी संख्या में हर साल इसलिए खराब हो जाता है, क्योंकि दीदी ने पर्याप्त संख्या में कोल्ड स्टोरेज नहीं बनाए हैं। यहां पर जो कोल्ड स्टोरेज हैं भी, वो सिंडीकैट चला रहे हैं। किसान औने-पौने दाम पर आलू बेचने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में बीजेपी की सरकार बनने के बाद सबसे पहले किसानों के हित में फैसला होगा। कैबिनेट का पहला फैसला यहां के किसानों को सहायता राशि देने का होगा। ममता बनर्जी ने जो पैसे किसानों को नहीं देने दिए हैं, वे सरकार बनते ही बांटे जाएंगे। हर किसान को 18 हजार रुपए मिलेंगे। मैं दुर्गा पूजा से पहले ये पैसा किसानों के खाते में ये पैसा पहुंचाना चाहता हूं।

उन्होंने कहा कि दीदी केंद्र की हर योजना के सामने दीवार बनकर खड़ी होती आई हैं। बात चाहे बिना गारंटी के गरीबों को लोन देने की स्कीम, आयुष्मान योजना के तहत पांच लाख तक के इलाज की योजना की, ममता बनर्जी ने इन सब बंगाल में लागू ही नहीं होने दिया।

 

 

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