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सहवाग की बेबाक राय, हमारे समय में यो यो टेस्ट होता, तो कभी पास नहीं होते सचिन, गांगुली और लक्ष्मण - Prakhar Prahari
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Categories: खेल

सहवाग की बेबाक राय, हमारे समय में यो यो टेस्ट होता, तो कभी पास नहीं होते सचिन, गांगुली और लक्ष्मण

टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने खिलाड़ियों के फिटनेस टेस्ट पर बेबाक राय रखी है और कहा है कि यदि हमारे समय में यो यो टेस्ट हमारे समय में होता तो सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण कभी इस टेस्ट को पास नहीं कर पाते। उन्होंने यह बातें एक प्रशंसक के सवाल के जवाब में कही।

आपको बता दें कि मौजूदा समय में भारतीय क्रिकेट टीम में चयन के तीन स्टेप हैं। इनमें परफॉर्मेंस, यो यो टेस्ट और दो किलोमीटर का रनिंग ट्रायल शामिल है। जो खिलाड़ी इन तीनों में पास होता है, उसी को टीम इंडिया में जगह मिलती है। हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ सम्पन्न हुई टी-20 सीरीज के लिए वरुण चक्रवर्ती और राहुल तेवतिया टीम इंडिया में चुने गए थे, लेकिन यो-यो टेस्ट पास नहीं कर पाए थे, इसलिए उन्हें प्लेइंग-11 में मौका नहीं मिला था।

एक फैन ने सहवाग से पूछा कि यदि अनफिट होने के बावजूद टीम मैनेजमेंट ने हार्दिक पांड्या को टी-20 टीम में क्यों रखा। वरुण चक्रवर्ती को टीम में जगह क्यों नहीं मिली, जबकि वह बॉलिंग के लिए फिट थे। इसका जवाब देते हुए सहवाग ने कहा कि मैं यो यो टेस्ट के बारे में बात कर रहा हूं। हार्दिक को दौड़ने में कोई दिक्कत नहीं है। वे वर्कलोड से परेशान हैं। गेंदबाजी इसकी वजह है।  अश्विन और वरुण ने यो यो टेस्ट पास नहीं किया था। इसलिए उन्हें टीम में नहीं शामिल किया गया।

उन्होंने कहा कि मैं इन सब चीजों पर विश्वास नहीं करता। यदि यह चयन प्रक्रिया हमारे जमाने में होती, तो तेंदुलकर, लक्ष्मण और गांगुली कभी पास नहीं कर पाते। हमारे समय में बीप टेस्ट होता था और उसका पासिंग स्कोर 12.5 था।। मैंने इन तीनों को कभी बीप टेस्ट पास करते नहीं देखा। वे हमेशा पासिंग स्कोर से कम रह जाते थे।

आपको बता दें कि यो यो टेस्ट एक तरह का फिटनेस टेस्ट है। यह क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी रक्बी आदि खेलों में होता है। इस टेस्ट का मुख्य उद्देश्य खिलाडियों का स्टेमिना जांचना और फिटनेस को परखना है। यो-यो टेस्ट पास करने के लिए खिलाड़ी को 17.1 स्कोर लानी होती है।

Shobha Ojha

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