कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं. अपनी दादी इंदिरा गांधी की इमरजेंसी पर घिरने के बाद अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के शिशु मंदिरों पर सवाल उठा दिए. राहुल ने आरएसएस के स्कूलों की तुलना पाकिस्तान के मदरसों से कर दी. अब राहुल के इस बयान पर बीजेपी नें करारा जवाब दिया है.
प्रकाश जावडेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आरएसएस क्या है ये समझने में राहुल गांधी को वक्त लगेगा. उन्होंने कहा कि RSS देशभक्ति की सबसे बड़ी पाठशाला है.
वहीं, केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी राहुल गांधी को जवाब देते हुए रबा है कि कहा, ‘कांग्रेस के लोगों को बिना मांगी सलाह दूंगा कि ‘पप्पू जी’ को पॉलिटिकल प्ले स्कूल में भेज देना चाहिए. वहां देश की हकीकत को जानें, अगर पॉलिटिकल प्ले स्कूल में जगह न मिलें तो सरस्वती शिशु मंदिर में चले जाएं तो उनको समझ आ जाएगा कि वहां क्या होता है.’
राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस अपने स्कूलों के जरिए हमला कर रहा है. जिस तरह से पाकिस्तान में इस्लामिक कट्टरपंथी मदरसों के जरिए अपनी विचारधारा को आगे बढ़ाते हैं, ठीक उसी तरह से आरएसएस अपने स्कूलों के जरिए अपनी विचारधारा आगे बढ़ा रहा है. कोई ये सवाल नहीं पूछता कि आरएसएस के पास सैकड़ों-हजारों स्कूल चलाने के लिए पैसे कहां से आ रहे हैं.
आरएसएस के शिशु मंदिर की तुलना पाकिस्तान के मदरसों से करने पर वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष ने राहुल गांधी पर सवाल उठाया है. आलोक कुमार ने कहा है कि राहुल गांधी का बयान हास्यास्पद है और वो इसकी निंदा करते हैं.
राहुल गांधी के इस बयान से सियासत में उबाल आ गया है. वैसे लाजमी भी है, शिक्षा को लेकर राहुल गांधी की ऐसी टिप्पणी वाकई निंदनीय है. उन्हें ये समझने की आवश्यकता है कि पाकिस्तान के मदरसों और भारत के ‘सरस्वती शिशु मंदिर’ जैसे स्कूल में क्या अंतर है.