Sharad Pawar-Amit Shah
फाइल फोटो

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के सुप्रीमो शरद पवार ने मुलाकात की है। ये मुलाकात अहमदाबाद में हुई है। कहा जा रहा है कि इसमें एनसीपी के दिग्गज नेता प्रफुल्ल पटेल भी शामिल थे। इस मुलाकात के बाद राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है। होली पर्व के 1 दिन पहले देश की राजनीति के दो दिग्गज बड़े नेताओं की गुप्त मुलाकात महाराष्ट्र की राजनीति में आने वाले बड़े बदलाव की ओर इशारा कर रहे हैं।

उद्योगपति मुकेश अंबानी की बिल्डिंग एंटलिया के बाहर विस्फोटक से भरी कार बरामद होने के बाद से देश की राजनीति में उबाल आया हुआ है। इसके अलावा महाराष्ट्र में चल रही महाराष्ट्र विकास अगाड़ी गठबंधन को लेकर भी कई तरह की अटकलें चल रही हैं इसी बीच अहमदाबाद में अमित शाह तथा शरद पवार की मुलाकात ने प्रदेश की राजनीति में भविष्य में उथल-पुथल की संभावनाओं को जन्म दे दिया है। महाराष्ट्र में हाल कई बड़े मामलों में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के अलावा कई केंद्रीय एजेंसियां भी सक्रिय हैं इसके अलावा भाजपा के नेता एनसीपी नेताओं को साध कर एक बार फिर महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज होना चाहते हैं इसी संदर्भ में इन दिग्गज नेताओं की मुलाकात को भी देखा जा रहा है।

शरद पवार राजस्थान के जयपुर में किसी कार्यक्रम में शिरकत करने गए थे वहां से एक दिन पहले ही अहमदाबाद पहुंचे देर शाम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भी अहमदाबाद में आगमन हुआ तथा बताया जा रहा है कि देश के एक नामी उद्योगपति के रिहायशी इलाके में इन नेताओं की मुलाकात हुई। एनसीपी के कर्ता-धर्ता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल की मौजूदगी इस बात की भी पुष्टि करती है कि भाजपा एवं एनसीपी नेता महाराष्ट्र अथवा गुजरात को लेकर भविष्य की राजनीति की रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं। पवार को भारतीय राजनीति का बड़ा खिलाड़ी माना जाता है तथा वे एक तीर से कई निशाने साधने में कुशल हैं।

जयपुर से अहमदाबाद आ कर केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात करना निश्चित तौर पर महाराष्ट्र में केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई के साथ-साथ महाराष्ट्र अथवा गुजरात की राजनीति में बड़े बदलाव की ओर भी इशारा करता है। हालांकि दोनों ही पक्ष इस मुलाकात की पुष्टि नहीं कर रहे हैं तथा इस बैठक के बारे में कोई औपचारिक सूचना भी नहीं दी गई है लेकिन अचानक देश के दो दिग्गज नेताओं की मुलाकात को भविष्य की राजनीति में कोई बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।

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