Anil Deshmukh
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख (फाइल फोटो)

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के लेटर के बाद उद्धव सरकार सवालों के घेरे में है. विपक्ष गृहमंत्री अनिल देशमुख को हटाने की मांग कर रही है. वहीं दबाव में आए राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर जांच के आदेश दिए हैं. इस बात की जानकारी खुद देशमुख ने दी है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने फैसला किया है कि बॉम्बे हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज इस मामले की जांच करेंगे. कुछ दिनों पहले मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने देशमुख पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. सीएम उद्धव को लिखे पत्र में सिंह ने दावा किया था कि गृहमंत्री देशमुख ने पुलिसकर्मियों को मुंबई में विभिन्न बार और रेस्त्रां आदि से 100 करोड़ रुपये वसूलने के लिए कहा था.

इस बाबत गृहमंत्री अनिल देशमुख ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘महाराष्ट्र के सीएम ने फैसला किया है कि मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त द्वारा मेरे खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा की जाएगी.’ इन आरोपों को लेकर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था, हालांकि सर्वोच्च न्यायालय की तरफ से उठे सवाल के बाद उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया था. यहां दायर की याचिका में उन्होंने पुलिस विभाग में अपने ट्रांसफर को लेकर भी आरोप लगाए थे.

बता दें कि बीती 25 फरवरी को मुंबई के पोश इलाके में एक स्कॉर्पियो कार में मिले विस्फोटक मामले के बाद से ही पुलिस विभाग में उथल-पुथल जारी है. इस मामले में पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को सस्पेंड कर दिया गया था. उनपर विस्फोटक और मनसुख हिरेन की मौत के मामले में शामिल होने के आरोप हैं. उनके खिलाफ जांच शुरू होने के बाद मुंबई पुलिस के आयुक्त रहे सिंह का 17 मार्च को तबादला कर दिया गया था. विपक्ष ने आरोप लगाया था कि वाजे और सत्तारूढ़ शिवसेना के बीच करीबी संबंध हैं. इस तबादले को लेकर सीएम ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मीटिंग भी की थी. इसके अलावा सीएम ने कई मंत्रियों से भी मुलाकात की थी.

परमबीर सिंह ने इसके बाद सीएम उद्धव को एक ईमेल भेजा था, जिसमें देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने दावा किया था कि राज्य के गृहमंत्री ने पुलिस अधिकारियों से हर महीनें मुंबई के बार और होटलों से वसूली करने को कहा था. हालांकि, देशमुख ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था. उन्होंने यह भी दावा किया था कि अगर मुख्यमंत्री आदेश देते हैं, तो वे जांच का स्वागत करेंगे. उन्होंने सिंह पर मानहानि का मुकदमा करने की बात कही थी.

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