असम में पहले चरण का मतदान खत्म हो चुका है. चुनाव आयोग की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक शाम 6 बजे राज्य में 72.16% तक वोट पड़े हैं. इसमें सर्वाधिक मतदान प्रदेश की नौगांव सीट पर- 78.20 फीसदी और सबसे कम मतदान नजीरा सीट पर 64 प्रतिशत दर्ज किया गया है. असम में पहले चरण में 12 जिलों के 47 सीटों पर वोटिंग हुई थी.
बता दें कि इन 47 सीटों में से 5 आदिवासी सीट हैं. पहले दौर में जिन 47 सीटों पर शनिवार को वोटिंग हुई, उसमें से 42 सीटें ऊपरी असम के 11 जिलों की थीं, जबकि 5 सीटें सेंट्रल असम में इलाके की थीं. असम विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण में 264 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. इनमें 78 निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में हैं. जानकारी के मुताबिक पहले चरण में 23 महिला प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में हैं.
पहले चरण में आज ढेकियाजुली सोनितपुर, बारचला, तेजपुर, रंगापाड़ा, सूतिया, बिस्वानाथ, बेहाली, गोहपुर, बिहपुरिया लखीमपुर, ढींग नगांव, बाताद्रोबा, रुपोहीहाट, सामागुड़ी, कालीबार, बोकाखाट गोलाघाट, सारुपाथर, गोलाघाट, खुमताई, डेरागांव (एससी) जोरहाट, जोरहाट, टेउक, तीताबोर, मरियानी, अमगुड़ी शिवसागर, थोवरा, सिबसागर, नाजीरा, माहमारा चराईदेब, सोनारी, मोरान डिब्रूगढ़, डिब्रूगढ़, लाहोवाल, दुलियाजन, तिंगखोंग, नाहरकटिया, तिनसुकिया, दिगबोई, मार्गरीटा, मजूली, नाओबोइचा लखीमपुर, लखीमपुर, ढकुआखाना (एसटी), ढेमाजी, जोनाई (एसटी), छबुआ डिब्रूगढ़, डुमडुमा तिनसुकिया और सदिया विधानसभा सीटों पर वोटिंग हुई।
पहले चरण की 47 सीटों में से 39 पर बीजेपी जबकि 10 पर इसका सहयोगी दल एजीपी मैदान में रहीं. इनमें से दो पर उसका भगवा दल के साथ मित्रवत मुकाबला भी हुआ. वहीं, कांग्रेस 43 सीटों पर जबकि उसके सहयोगी दल एआईयूडीएफ, राजद, आंचलिक गण मोर्चा (स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर) और सीपीआई-एमएल एक-एक सीट पर चुनाव मैदान में हैं. असम जातीय परिषद 41 सीटों पर जबकि रायजर दल 19 सीटों पर चुनाव लड़ा है.
असम के पहले चरण में बीजेपी और कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं की दांव साख पर लगी है. मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल (माजुली), विधानसभा अध्यक्ष हितेंद्र नाथ गोस्वामी (जोरहाट), मंत्री रंजीत दत्ता (बेहाली) और संजय किशन (तिनसुकिया) से किस्मत आजमा रहे हैं. ऐसे ही एनडीए के सहयोगी और असम गणपरिषद के नेता व मंत्री अतुल बोरा (बोकाखाट) और केशव महंत (कलियाबोर) भी मैदान में है. वहीं, असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रिपुन बोरा (गोहपुर), कांग्रेस विधायक दल के नेता देवव्रत सैकिया (नाजिरा) और कांग्रेस सचिव भूपेन बोरा (बिहपुरिया) की किस्मत का फैसला भी पहले चरण में होना है.
पहले चरण में असम में मतदाता 264 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे. राज्य में नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 को लागू किया जाना प्रमुख मुद्दा है. इसे लेकर राज्य में प्रदर्शन और हिंसा तक हुई, हालांकि प्रदेश बीजेपी इस पर चुप है. यह मुद्दा न तो पार्टी के प्रचार के दौरान सुनाई दिया और न ही इसे पार्टी के घोषणापत्र में स्थान मिला. वहीं, कांग्रेस और अन्य दलों ने सत्ता में आने पर असम में इसे लागू नहीं किए जाने को लेकर इसके खिलाफ विधानसभा में विधेयक लाने का भरोसा दिया है.
आपको बता दें कि 2016 के चुनाव में 126 विधानसभा सीटों वाले असम में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था. राज्य में बीजेपी- 61 कांग्रेस- 25, असम गण परिषद- 14, एआईयूडीएफ- 13 बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट- 12 और एक निर्लदीय सदस्य हैं. बीजेपी ने असम गण परिषद, बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट और निर्दलीय विधायक के समर्थन से सरकार बनाई.
बता दें कि असम में 126 सदस्यीय विधानसभा के लिए 27 मार्च, एक अप्रैल और छह अप्रैल को तीन चरणों में मतदान होना है. जबकि वोटों की गिनती 2 मई को होगी. असम में 2016 विधानसभा चुनाव में 24,890 चुनाव केंद्र थे, 2021 में चुनाव केंद्रों की संख्या 33,530 होगी.
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