नई दिल्ली. छोटे बच्चे अक्सर रोकर अपनी नापसंद या किस समय वे क्या चाहते हैं यह बताने का प्रयास करते हैं। कई बार अचानक से बच्चा दूध पीना छोड़ देता है, जिसे ‘ब्रेस्टफीडिंग स्ट्राइक’कहते हैं। यह स्ट्राइक कुछ दिनों तक भी चल सकती है या कई बार ज्यादा दिनों तक होती है। कई बार तो पाया गया है कि यदि मां ने कोई लोशन या डियोडेरेंट लगाया है या उसके कपड़े किसी अलग साबुन से धोए गए हैं तो सुगंध बदलने से भी बच्चे दूर हो जाते हैं। इसके अलावा अगर बच्चा बीमार है, जैसे उसे सर्दी या कान में इन्फेक्शन हुआ है तो इससे भी वह विचलित और परेशान रहता है, जिसके परिणामस्वरूप वह मां का दूध पीना बंद कर देता है। और भी कारण इस प्रकार हो सकते हैं-
-कभी-कभी ब्रेस्टमिल्क की आपूर्ति बहुत ज्यादा होती है जिससे बच्चे के लिए एक साथ पी पाना बहुत कठिन हो जाता है। इस वजह से भी बच्चा दूध पीना बंद कर सकता है।
-यदि बच्चे के दांत निकल रहे हैं या उसके मुंह में चोट लगी है तो इसकी वजह से भी ब्रेस्ट से दूध पी पाना कठिन है और इससे दर्द होता है। इसलिए अक्सर बच्चे ब्रेस्ट से दूध पीना बंद कर देते हैं।
– यदि बच्चे की सर्जरी हुई है या उसे कोई वैक्सीन लगाईं गई है तो मूड खराब होने की वजह से भी वह मां का दूध पीना बंद कर देता है।
-कभी-कभी मां के द्वारा कुछ दवा या फूड लेने की वजह से बच्चे को एलर्जी होती है। इसकी वजह से भी बच्चा मां का दूध पीना बंद कर देता है।
-बच्चे अक्सर एक समय पर ही ब्रेस्टफीडिंग करते हैं। रूटीन बदल जाने से अक्सर बच्चे ब्रेस्ट से दूध पीना बंद कर देते हैं। कभी कभी यात्रा के दौरान या घर बदलने से भी बच्चा मां का दूध पीने में सुविधा महसूस नहीं करता है।
-यदि बच्चा खुश नहीं है या उसे कोई स्ट्रेस है और वह लंबे समय से रो रहा है तो वह दूध पीना बंद कर देता है और सही समय पर दूध नहीं पीता है।
-कभी-कभी बच्चा थकान की वजह से भी कुछ नहीं खाता है और चीजें उसके मुंह तक ही रह जाती हैं, जिससे उसे असुविधाएं होती हैं। यह हटाने से बच्चा नॉर्मल हो जाता है।