मुंबई के एटीएस ( ATS) यानी आतंकवाद निरोधक दस्ता ने मशहूर उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर से बरामद विस्फोटक से लदी स्कॉर्पियो कार तथा कथित तौर पर कार मालिक मनसुख हिरेन की मौत की गुत्थी सुलझाने का दावा किया है। एटीएस के मुताबिक हिरेन की हत्या में चार लोगों ने की थी, जिनमें से तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। बताया जा रहा है कि ठाणे कोर्ट के आदेश के बाद एटीएस की ओर से बुधवार को एनआईए (NIA) राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपी रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है।

एटीएस ने कहा कि जांच के दौरान पता चला है कि आरोपियों ने पहले मनसुख को क्लोरोफॉर्म सुंघाकर बेहोश किया गया और फिर आराम से उसकी सांस को रोककर उसकी हत्या की गई। हिरेन की हत्या के समय सचिन वाजे भी मौके पर मौजूद था। एटीएस ने कहा कि पुख्ता सबूत के तौर पर उसकी मोबाइल लोकेशन घटना वाली जगह का मिला है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हिरे के चेहरे पर बंधे पांच रुमालों में क्लोरोफॉर्म डाला गया था। हिरेन की सांस रोकने के बाद आरोपियों ने उसके चेहरे पर बांध कर ही उसे पानी में फेंका था, ताकि उसके जिंदा रहने का कोई चांस न रहे। आपको बता दें कि हिरेन के चेहरे पर बंधे रुमालों को देखकर ही यह अंदेशा लगाया जा रहा था कि उसकी हत्या हुई है और उन्होंने सुसाइड नहीं किया है।

मनसुख हिरेन की मौत के मामले में एटीएस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी (IPC) यानी भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य मिटाने), 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) और 34 (साझा मंशा) के तहत केस दर्ज किया है।

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